Janmashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी जो भगवान कृष्ण के जन्म के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। आज भारत में बड़े ही धूमधाम से जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी त्योहार के उत्सव में शामिल होंगे और हर्षोल्लास से त्योहार मनाएंगे।
द्रिक पंचांग कैलेंडर के अनुसार, भारत में जन्माष्टमी 15 और 16 अगस्त, 2025 को मनाई जाएगी। निशिता पूजा, एक विशेष देर रात की रस्म, 16 अगस्त को सुबह 12:04 बजे से 12:47 बजे तक निर्धारित है। इसके अतिरिक्त, कृष्ण की चंचल भावना का प्रतीक, जीवंत दही हांडी उत्सव, शनिवार, 16 अगस्त, 2025 को होगा।
अगर आप इस बार अपना जन्माष्टमी का त्योहार भक्ति में डूब कर मनाना चाहते हैं तो भगवान कृष्ण के इन भजनों और गानों को जरूर सुनें
'श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी'
यह भक्ति मंत्र कृष्ण की स्तुति उनके अनेक नामों, गोविंदा, हरि और मुरारी, के माध्यम से करता है, जो प्रत्येक अलग-अलग दिव्य गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
'आरती कुंज बिहारी जी'
कुंज बिहारी, अर्थात् वनों के स्वामी, भगवान कृष्ण को समर्पित, यह आरती कृष्ण की दिव्य सुंदरता और राधा तथा वृंदावन के ग्वालों के साथ उनकी चंचल बातचीत का उत्सव मनाती है।
'मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो'
यह मनमोहक कृष्ण भजन बाल कृष्ण और उनकी माता यशोदा के बीच एक चंचल वार्तालाप प्रस्तुत करता है, जहाँ कृष्ण माखन चुराने से इनकार करते हैं। यह गीत कृष्ण के बचपन के शरारती लेकिन मनमोहक पहलू को दर्शाता है।
'मैया जसोधा ये तेरा कन्हैया'
1999 की फ़िल्म 'हम साथ साथ हैं' का एक लोकप्रिय हिंदी गीत, जिसे अलका याग्निक, अनुराधा पौडवाल और कविता कृष्णमूर्ति ने गाया है। यह कृष्ण (कन्हैया) और उनकी माता यशोदा के बीच के बंधन का प्रेमपूर्वक जश्न मनाता है।
'कान्हा सो जा ज़ारा'
फिल्म बाहुबली 2: द कन्क्लूजन का यह भावपूर्ण हिंदी गीत मधुश्री द्वारा गाया गया है। मनोज मुंतशिर के बोल और एम.एम. कीरवानी द्वारा संगीतबद्ध, यह गीत भगवान कृष्ण को समर्पित एक सुखदायक लोरी है।
'अच्युतम केशवम्'
हिंदी में एक प्रतिष्ठित भजन, अच्युतम केशवम्, भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों, जिनमें कृष्ण भी शामिल हैं, की स्तुति करता है। यह एक शाश्वत भक्ति राग है जो भगवान की दिव्य कृपा और सौंदर्य का आह्वान करता है।
'वो किसना है'
यह भक्ति गीत भगवान कृष्ण के मनमोहक और चंचल स्वभाव का उत्सव मनाता है। यह गीत कृष्ण के मनमोहक बांसुरी संगीत और नृत्य के साथ-साथ राधा के गहन प्रेम और भक्ति को भी दर्शाता है।
'मधुबन में राधिका नाचे रे'
1960 की क्लासिक फ़िल्म 'कोहिनूर' से, मोहम्मद रफ़ी द्वारा रचित यह कालातीत गीत, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को भक्ति विषयों के साथ मिश्रित करता है, जिसमें वृंदावन के बगीचों में राधा के मनोहर नृत्य को दर्शाया गया है।
'गोविंदा आला रे'
जन्माष्टमी समारोह के दौरान अक्सर बजाया जाने वाला एक जीवंत और ऊर्जावान गीत, गोविंदा आला रे भगवान कृष्ण का उत्साहपूर्वक स्वागत करता है और उत्सव और भक्ति की भावना को जागृत करता है।