होली 2018: जानें रंग भरी एकादशी से लेकर होलिका दहन और होली का तिथि अनुसार शुभ मुहूर्त
By धीरज पाल | Published: February 24, 2018 03:09 PM2018-02-24T15:09:00+5:302018-02-24T15:09:00+5:30
1 मार्च को को होलिका दहन है। होलिका दहन के दिन स्नान-दान फलदायी माना जाता है।
रंगों और मिलन का त्योहार होली, भारत के महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। होली को पूरे भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। हिन्दू वलेंदर के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा को होली का पर्व मनाया जाता है। इस बार होली 2 मार्च दिन शुक्रवार को है। रंग की होली को धुरड्डी के नाम से भी जाना जाता है। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि 22 फरवरी 2018 दिन गुरुवार को रात 11:27 बजे के बाद होलाष्टक आरम्भ हो जायेगा। पं दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि होलाष्टक में केवल विपासा एवं रावती नदी के किनारे के समीपस्थ क्षेत्रों एवं व्यास-रावी तथा त्रिपुष्कर में ही विवाहादि शुभ कार्य वर्जित रहते है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में इसका कोई दोष नहीं लगता है।
26 फरवरी को आमलकी एकादशी
होली से पहले 26 फरवरी को आमलकी एकादशी है। इसे रंगभरी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन लोग भगवान शिव की उपासना और उपवास दोनों रखते हैं। वैसे भी सोमवार का दिन भगवान शिव का माना जाता है। इस दिन भक्त शिव के नाम का उपवास भी करते हैं। इस दिन भोले बाबा का पूजन कर अबीर गुलाल से अभिषेक किया जाता है।
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1 मार्च को होलिका दहन
इसके बाद 1 मार्च को होलिका दहन है। होलिका दहन के दिन स्नान-दान फलदायी माना जाता है। इसी दिन अर्थात 1 मार्च को प्रदोष काल सायं 06:58 बजे भद्रा समाप्त हो जाएगी। अतः 1 मार्च 2018 दिन गुरुवार को क्षयवती पूर्णिमा में भद्रा शाम 6:58 बजे के बाद होलिका दहन का मुहूर्त प्रारम्भ हो जाएगा। होलिका दहन के लिए प्रदोष काल सर्वोत्तम माना जाता है अतः उसको ध्यान में रखते हुए भद्रा के बाद होलिका दहन किया जाना उत्तम होगा। इस दिन डुण्डा राक्षसी एवं होलिका का पूजन " ॐ होलिकायै नमः" मन्त्र का उच्चारण करते हुए होलिका दहन शास्त्र विधि से किया जायेगा
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि प्रतिपदा तदनुसार 2 मार्च 2018 दिन शुक्रवार को रंग की होली धुरेड्डी का पर्व पूरे देश मे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
1. 26 फरवरी - रंग भरी एकादशी (आमलकी एकादशी)
2. रंगभरी एकादशी को विश्वेश्वर भोले बाबा पूजन किया जाता है
3. रंगभरी एकादशी को अबीर गुलाल से अभिषेक किया जाता है।
4. 1 मार्च - दिन - गुरुवार - होलिका दहन
5.क्षयवर्ती पूर्णिमा में भद्रा शाम को शुभ मुहूर्त होगा।
6. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त का समय शाम 6:58 मिनट से प्रारंभ होगा
7. होलिका दहन के लिए प्रदोष काल सर्वोत्तम माना जाता है।
8. 2 मार्च 2018 को रंगों की होली मनाई जाएगी।
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