Hanuman Jayanti 2020: कब है हनुमान जयंती? इन मंत्रों से प्रसन्न हो जाएंगे संकट मोचन-जानिए पूजा विधि
By मेघना वर्मा | Updated: April 6, 2020 10:36 IST2020-04-06T10:36:21+5:302020-04-06T10:36:21+5:30
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बजरंगबली का जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्र नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था।

Hanuman Jayanti 2020: कब है हनुमान जयंती? इन मंत्रों से प्रसन्न हो जाएंगे संकट मोचन-जानिए पूजा विधि
संकट हरने वाले अष्टसिद्धियों के दाता हनुमान जी अपने भक्तों के सभी के कष्ट दूर करते हैं। हर मंगलवार और शनिवार को भगवान हनुमान की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। वहीं ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बजरंगबली का जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्र नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था।
हर साल इस दिन को लोग हनुमान जयंती के उपलक्ष्म में मनाते हैं। इस साल हनुमान जन्मोत्सव 8 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन ना सिर्फ भगवान हनुमान की विधि-विधान से पूजा होती है बल्कि लोग अपने घरों में पाठ का भी आयोजन करवाते हैं।
हनुमान जी पवन पुत्र के नाम से भी जाने जाते हैं। वैसे तो हनुमान चालीसा पढ़कर सभी भक्त अपने कष्ट को मारुति भगवान को सुनाते हैं। मान्यता है कि सिर्फ हनुमान चालिसा का पाठ करने से सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं। मगर कुछ ऐसे मंत्र भी हैं जिन्हें जप कर आप हनुमान जी की कृपा पा सकते हैं।
आइए आपको बताते हैं हनुमान जी के इसी मंत्र के बारे में और पूजा विधि
ऐसे करें बजरंगबली की पूजा
1. हनुमान जयंती पर सुबह नहा-धोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। जी
2. अब एक पवित्र जगह पर बजरंग बली का चित्र या मूर्ती स्थापित करें।
3. दीए के लिए शुद्ध देसी घी का ही उपयोग करें।
4. अब हनुमान जी का अभिषेक करके उनपर सिंदूर चढ़ाएं।
5. ध्यान रहे सिंदूर कभी सूखा न चढ़ाएं। बल्कि तिल के तेल में मिला कर ही चढ़ाएं।
6. बजरंबली का प्रसाद शुद्ध घी से ही बनाना चाहिए। यदि शुद्ध घी न हो तो आप फल चढ़ाएं।
7. हनुमानजी को केसर के साथ घिसा लाल चंदन लगाना चाहिए, लेकिन यदि केसर न हो तो आप कच्ची हल्दी के साथ चंदन मिला कर लगाएं।
8. हनुमानजी को कमल, गेंदे, सूर्यमुखी के फूल अर्पित करना चाहिए। ये तीनों फूल भगवान को बेहद प्रिय थे।
9. अब हनुमान चालीसा का पाठ कर धूप, दीप नवैद्य से उनका पूजन करना चाहिए।
10. हनुमानजी की आराधना हमेशा पवित्र मन से करनी चाहिए। मन में वासना, द्वेष या कपट होने पर पूजा फलीभूत नहीं हो सकती।
हनुमान जी के मंत्र
पहला मंत्र- ॐ तेजसे नम:
दूसरा मंत्र- ॐ प्रसन्नात्मने नम:
तीसरा मंत्र- ॐ शूराय नम:
चौथा मंत्र- ॐ शान्ताय नम:
पांचवां मंत्र- ॐ मारुतात्मजाय नमः

