गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं की पूजा से गुरू की कृपा बनती है। गुरुओं की पूजा से कृपा बनती है और व्यक्ति कुछ भी हासिल कर सकता है। गुरु ही एक मात्र मार्ग दिखाने वाले होते हैं जिससे व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति है। यही कारण है कि गुरुओं को भगवान से भी ऊपर का दर्जा प्राप्त है। हर साल गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु में आती है। इस मौसम को काफी अच्छा माना जाता है क्योंकि इस दौरान न तो ज्यादा सर्दी होती है और न ही गर्मी। इस दिन केवल गुरु ही नहीं बल्कि घर में अपने बड़ों जैसे माता-पिता, भाई-बहन आदि का आशीर्वाद भी लिया जाता है। आशीर्वाद लेते वक्त गुरु को दक्षिणा देनी चाहिए..
मेष : अन्न के साथ मूंगा भेंट करें।
वृषभ : चांदी भेंट करें।
मिथुन : शॉल भेंट करें।
कर्क : चावल भेंट करें।
सिंह : पंच धातु से बनी सामग्री भेंट करें।
कन्या : डायमंड भेंट करें।
तुला : कम्बल भेंट करें।
वृश्चिक : माणिक भेंट करें।
धनु : स्वर्ण भेंट करें।
मकर : पीला वस्त्र भेंट करें।
कुंभ : सफेद मोती भेंट करें।
मीन : हल्दी के साथ चने की दाल भेंट करें।