गुरुओं की महिमा को समर्पित गुरु पूर्णिमा का पर्व इस साल 16 जुलाई (मंगलवार) को मनाया जा रहा है। यह हर शिष्य के लिए अपने गुरु को याद करने और उन्हें प्रणाम करने का दिन है। हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को पड़ने वाला यह पर्व इस बात का संदेश देता है कि गुरु सर्वोपरि हैं। यह गुरु ही हैं जो अच्छे मार्ग पर चलने का पाठ पढ़ाते हैं। साथ ही वह इस संसार में बार-बार आने और जाने की कष्टदायक प्रक्रिया से मुक्ति की राह भी दिखाते हैं। महान संत और कवि कबीरदास ने भी गुरु की महिमा को ईश्वर से ऊपर बताया है।
इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इस लिहाज से 16 जुलाई की शाम 4.31 बजे से ही सूतक लगने जा रहा है। ऐसे में आपको इस समय से पहले ही गुरू की पूजा कर लेनी होगी। सूतक काल में मूर्ति पूजा या किसी और शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पूर्व लग जाता है।
Guru Purnima 2019: गुरु को ये सदेश भेज कर करें प्रणाम, दें बधाई
1. गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय॥
2. गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः गुरु पूर्णिमा के मौके पर आपको सादर प्रणाम
3. सही क्या है गलत क्या है ये सबक पढ़ाते है आप झूठ क्या है और सच क्या है ये बात समझाते हैं आप जब सूझता नहीं कुछ भी हमको तब राहों को सरल बनाते है आप गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
4. गुरु होते सबसे महान जो देते हैं सबको ज्ञान आओ इस गुरु पूर्णिमा पर करें अपने गुरु को प्रणाम
5. गुरु की महिमा है अगम, गाकर तरता शिष्य गुरु कल का अनुमान कर, गढ़ता आज भविष्य गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
6. करता करे ना कर सके, गुरु करे सब होय सात द्वीप नौ खंड में गुरु से बड़ा न कोय मैं तो सात समुद्र की मसीह करु, लेखनी सब बदराय सब धरती कागज करु पर, गुरु गुण लिखा ना जाय गुरु पूर्णिमा की शुभकामना
7. गुरु बिन ज्ञान नहीं ज्ञान बिन आत्मा नहीं ध्यान, ज्ञान, धैर्य और कर्म सब गुरु की ही देन हैं शुभ गुरु पूर्णिमा
Guru Purnima: सूतक से पहले कर ले गुरु पूजा
भारत में चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की मध्यरात्रि 1.31 बजे से शुरू होगा। ग्रहण का मध्य तीन बजे होगा और इसका मोक्ष 4.30 बजे होगा। इस खंड ग्रास चंद्र ग्रहण की पूर्ण अवधि दो घंटे और 59 मिनट की होगी। भारत में चंद्रमा 17 जुलाई की सुबह 5.25 बजे अस्त होगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण में 9 घंटे पहले से सूतक लग जाता है। ऐसे में गुरु पूजा शाम 4.30 से पहले ही कर लेना शुभ होगा।