लाइव न्यूज़ :

Guru Gobind Singh Jayanti 2021: गुरु गोबिंद सिंह की जयंती आज, क्या आप जानते हैं उनसे जुड़े ये तथ्य

By विनीत कुमार | Updated: January 20, 2021 08:34 IST

Guru Gobind Singh Jayanti: आज गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती है। सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी और साथ ही 'पंच ककार' का सिद्धांत दिया था।

Open in App
ठळक मुद्देगुरु गोबिंद सिंह का जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ थागुरु गोबिंद सिंह को गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु रूप में स्थापित करने का श्रेय जाता हैगुरु गोबिंद सिंह ने ही 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी, पंच ककार का दिया सिद्धांत

सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह की आज (20 जनवरी, 201) जयंती है। सिख समुदाय में गुरु गोबिंद सिंह के जन्मोत्सव को प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं। इस बार उनकी 20 जनवरी, 2021 को पड़ रही है। ये गुरु गोबिंद सिंह जी की 354वीं जयंती है।

गुरु गोबिंद सिंह अपनी जीवनशैली और आदर्शों के लिए केवल सिख नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए एक उदाहरण हैं। उन्होंने हमेशा ही अन्याय और अत्याचारों का विरोध किया। उन्हें गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा करने और इस पवित्र ग्रंथ को गुरु रूप में स्थापित करने का भी श्रेय जाता है।

Guru Gobind Singh Jayanti: पटना साहिब में जन्म

गुरु गोबिंद सिंह का जन्म पटना साहिब में हुआ था और वे अपने पिता गुरु तेग बहादुर की मृत्यु के बाद गुरु बनाए गए। गुरु गोबिंद सिंह को एक महान योद्धा, कवि और अध्यात्मिक गुरु के तौर पर भी याद किया जाता है।

उन्होंने 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी जो सिखों के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। गुरु गोबिंद सिंह ने जीवन जीने के पांच सिद्धांत दिए, जिन्हें पंच ककार कहा जाता है। सिखों में इन पांच चीजों का जरूरी माना जाता है। ये पांच चीजें हैं- केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा।

Guru Gobind Singh Jayanti: 'पंच ककार' का सिद्धांत

ये वह समय था जब जब औरंगजेब का शासन था। उसके अत्याचारों से तंग आकर गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों को एकजुट किया। बैसाखी के दिन लाखों की संख्या में लोग एकत्र हुए और फिर 'खालसा पंथ' की स्थापना की गई। 

'पांच प्यारों' को अमृत छका कर सिख से 'सिंह' बनाया और उन्हें ‘पांच ककार’ धारण कराये। खालसा का मतलब ये हुआ कि वह सिख जो गुरु से जुड़ा है और किसी का गुलाम नहीं है। वह पूरी तरह से स्वतंत्र है। 

नियमों के अनुसार सिखों को हमेशा पांच चीजें केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा अपने पास रखना जरूरी होता है। गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षा के अनुसार अनुसार एक सिख को हमेशा 'बुराई' से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।

टॅग्स :गुरु गोबिंद सिंहसिखपटनाPatna
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

भारतकांग्रेस के 6 में से 4 विधायक जदयू के संपर्क में?, चिराग पासवान ने कहा-महागठबंधन के ‘कई विधायक’ संपर्क में, NDA में आने को आतुर?

क्राइम अलर्टड्रग्स की गिरफ्त में 20 से 25 आयु वर्ग के लड़के?, "उड़ता पंजाब" की राह पर बिहार, मोबाइल लूटने व चेन स्नैचिंग की दुनिया में प्रवेश?

भारतआम नागरिकों के साथ शिष्टाचार और शालीनता से पेश आएं पुलिसकर्मी, बिहार पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आदेश

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार