Gupt Navratri 2020: आज गुप्त नवरात्र के पहले दिन बन रहे हैं शुभ योग, जानें आप पर क्या होगा असर
By गुणातीत ओझा | Updated: June 22, 2020 12:23 IST2020-06-22T12:23:13+5:302020-06-22T12:23:13+5:30
आज से शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि का पहला दिन शुभ योग लेकर आया है। जानें इस शुभ योग से किसे क्या फायदा होगा।

आज गुप्त नवरात्रि के दिन बन रहे हैं शुभ योग, जानें सबकुछ।
Gupt Navratri Shubh Yog: आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्र आज यानी 22 जून सोमवार से शुरू हो चुका है। गुप्त नवरात्र में 29 जून तक महाविद्याओं की पूजा होगी। नवरात्रों में षष्ठी तिथि का क्षय है, अर्थात नवरात्र 8 दिन ही होंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि गुप्त नवरात्र में सिद्धि योग और वृद्धि योग इसे और भी शुभ बना रहे हैं। गुप्त नवरात्र में की गई महाविद्याओं की आराधना विशेष लाभ देती है। यह पर्व ऋतु परिवर्तन का भी सूचक है। यह गर्मियों से वर्षा ऋतु की यात्रा आरंभ होने का भी समय है। इस बार के संवत्सर का नाम प्रमादी है यानी इस वर्ष में प्रमाद, उन्माद, आलस्य, तनाव या अकारण चिंता हो सकती है।
यह सिंह लग्न में पड़ रहा है, अत: इस लग्न में पूजा तथा कलश स्थापना करना शुभ होगा। इसके पश्चात अभिजित मुहुर्त में भी कलश स्थापना की जा सकती है। अभिजीत मुहूर्त 12 बजकर 02 मिनट से लेकर 12 बजकर 56 मिनट तक है, जो ज्योतिष शास्त्र में स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना गया है।
मां दुर्गा के नौ रूप शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्घिदात्री माता हैं, जिनकी नवरात्र में पूजा की जाती है। साथ ही दस महाविद्या देवियां तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी हैं, जिनकी गुप्त नवरात्र में पूजा-उपासना की जाती है। यह नवरात्र पर्व तंत्र साधना करने वाले साधकों के लिए विशेष महत्व रखता है।
22 जून द्वितीया तिथि के दिन वृद्धि योग है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का उत्तम फल मिलेगा।
26 जून को तृतीया तिथि के दिन भी सिद्धि योग रहेगा। इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा से उत्तम फल की प्राप्ति होगी।
मान्यता है कि नवरात्रों में बिना मुहूर्त देखे विवाह कर लिया जाए। मगर, इस वर्ष, 22 जून से 29 जून को अषाढ़ मास है और 01/07/2020 को देवशयनी एकादशी है। मान्यता है की देवशयन से पूर्व विवाह कर लेना ही उचित होता है। मगर, चातुर्मास के करण ऐसे मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे।

