Gupt Navratri 2020: आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र 22 से 29 जून तक रहेंगे। बता दें कि साल में चार नवरात्र आते हैं। चैत्र और आश्विन मास के नवरात्र सामान्य रहते हैं, जबिक माघ और आषाढ़ मास के नवरात्र गुप्त रहते हैं। इन दिनों दस महाविद्याओं की आराधना की जाती है। अगले नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना में श्रद्धालु लीन रहेंगे। आषाढ़ी नवरात्रि में तंत्र साधना की प्रधानता के कारण इसे गुप्त नवरात्रि भी कहा जाता है। इस दौरान साधक दस महाविद्याओं की साधना करते हैं।
धन, संतान का सुख देता है यह नवरात्र
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक गुप्त नवरात्रि के दौरान 26 जून को पंचमी पूजा के साथ बेल नोती होगी। श्रद्धालु 28 जून को महाष्टमी और 29 जून को महानवमी पूजा व हवन करेंगे। उनके अनुसार गुप्त नवरात्रि किसी खास मनोकामना की पूजा के लिए तंत्र साधना का मार्ग लेने का पर्व है। अन्य नवरात्रि की तरह ही इसमें भी व्रत-पूजा, पाठ, उपवास किया जाता है। इस दौरान साधक देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के अनेक उपाय करते हैं। इसमें दुर्गा सप्तशती पाठ, दुर्गा चालीसा, दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ काफी लाभदायी यह माना गया है। यह नवरात्रि धन, संतान सुख के साथ-साथ शत्रु से मुक्ति दिलाने में भी कारगर है।
कलश स्थापना का मुहूर्त:
सुबह 9.30 बजे से सुबह 11 बजे तकगुप्त नवरात्र26 जून - पंचमी-बेल नोती पूजा28 जून- महाष्टमी, 29 जून-हवन व महानवमी
गुप्त नवरात्र में होती हैं इन देवियों की पूजा
मां काली, तारादेवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, छिन्न माता, त्रिपुर भैरवी मां, धुमावती माता, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी इन 10 देवियों का पूजन करते हैं।