गुड फ्राइडे 2018: इस दुख भरे दिन पर क्या करते हैं ईसाई समुदाय के लोग, जानें

By धीरज पाल | Updated: March 30, 2018 10:27 IST2018-03-30T10:27:43+5:302018-03-30T10:27:43+5:30

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, ईसा मसीह यहूदियों के राजा माने जाते थे। इसके लिए उन्हें दोषी करार देकर आज ही के दिन सूली पर चढ़ाया गया था।

Good Friday 2018: Why and how do Christians observe it every year | गुड फ्राइडे 2018: इस दुख भरे दिन पर क्या करते हैं ईसाई समुदाय के लोग, जानें

गुड फ्राइडे 2018: इस दुख भरे दिन पर क्या करते हैं ईसाई समुदाय के लोग, जानें

गुड फ्राइडे, ईसाई धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है जिसे विश्वभर में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे का दिन बेहद ही पवित्र माना जाता है। ईसाई धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक इस दिन ईसा मसीह को जनकल्याण और यातनाओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उन्हें कलवारी में सूली पर चढ़ाया गया था। जिस दिन ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था उस दिन शुक्रवार था। तब से उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है। इस दिन को को ग्रेट फ्राइडे, हॉली फ्राइडे या ब्लैक फ्राइडे के रूप में भी जाना जात है। इस दिन बहुत से लोग ईसा की याद में उपवास रखते हैं और चर्च में जाकर उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से याद कर उनकी प्रार्थना करते हैं। इस साल गुड फ्राइडे 30 मार्च को है। ईसाई धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक जिस दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया उसके तीन दिन बाद यानी कि रविवार को ईसा मसीह दोबारा जीवित हो उठे थे। इस दिन को ईस्‍टर संडे कहा जाता है।

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कौन थे ईसा मसीह

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक ईसा मसीह का जन्म समाज में फैली बुराईयां और कुरीतियों को खत्म करने के लिए हुआ था। ईसा मसीह का जन्म चर्च ऑफ नेटिविटी में हुआ था जो यरुशलम के बैथलहम में स्थित है। यह जगह यहां की सबसे पवित्र जगहों में से एक मानी जाती है। चर्च के नीचे एक गुफा है जहां उनका जन्म हुआ था। जन्मस्थल पर एक शिलालेख है जिसपर लिखा गया है कि ईसा मसीह को यहां  मरियम (मैरी) ने जन्म दिया था। उन्होंने यहूदियों के कट्टरपंथियों का पुरजोर विरोध किया। इसलिए उन्हें सजा में मृत्यु दंड दिया गया है। इसके पीछे की कहानी बेहद ही प्रचलित है। मौत से पहले उन्हें बहुत सी यातनाएं सहनी पड़ी।

क्यों ही क्रूस क्यों

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, ईसा मसीह यहूदियों के राजा माने जाते थे। इसके लिए उन्हें दोषी करार देकर गेत्ज़ीमन के गार्डेन में गिरफ्तार कर लिया गया। उनके शिष्य जुदास ने उनके साथ विश्‍वासघात किया। यहूदियों की महासभा ने उनको इसलिए प्राणदंड दिया कि वह मसीह तथा ईश्वर का पुत्र होने का दावा करते हैं। रोमन राज्यपाल ने इस दंडाज्ञा का समर्थन किया और ईसा को क्रूस पर मरने का आदेश दिया। क्रूस पर इसलिए लटकाया गया ताकि यहूदी क्रांति न कर दे। ऐसे में कट्टरपंथ‍ियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया।

ऐसे मनाते हैं गुड फ्राइडे

गुड फ्राइडे के दिन विश्वभर के सभी चर्च सज जाते हैं। लोग चर्च में प्राथनाएं करते हैं उनके लिए पूरे दिन उपवास भी रखते हैं। बता दें कि गुड फ्राइडे की तैयारी 40 दिन पहले ही शुरू हो जाती है। चर्च में खड़े होकर लोग शांतिपूर्वक यीशु की याद करते हैं और मन ही मन दुआ मांगते हैं। चर्च और घरों से सजावट की वस्तुएं हटा ली जाती हैं या उन्हें कपडे़ से ढक दिया जाता है। गुड फ्राइडे के दिन ईसा के अंतिम सात वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है जो क्षमा, मेल-मिलाप, सहायता और त्याग पर केंद्रित हैं। कुछ जगहों पर लोग काले कपड़े धारण कर यीशु के बलिदान दिवस पर शोक भी व्यक्त करते हैं।

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क्यों कहा जाता है गुड फ्राइडे

वैसे इस दिन को गुड कैसे माना जाता है क्योंकि इस दिन तो ईश्वर ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाकर मार दिया गया था। वाकई में यह ईसाई समुदाय के लिए एक दुख भरा दिन होता है। इस दिन को गुड यानी अच्छा शुक्रवार इसलिए माना जाता है क्योंकि ईसा मसीह ने अपने प्राणों का बलिदान लोगो की भलाई के लिए दे दिया था। इस दिन सभी पाप और बुराइयों का नाश हो गया था इसलिए गुड फ्राइडे का दिन पवित्र माना जाता है और इसे 'गुड फ्राइडे' कहा जाता है।

Web Title: Good Friday 2018: Why and how do Christians observe it every year

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