गुड फ्राइडे 2018: यहां हुआ था ईसा मसीह का जन्म, इस जगह चढ़ाया गया था सूली पर, देखें तस्वीरें

By धीरज पाल | Published: March 30, 2018 07:15 AM2018-03-30T07:15:32+5:302018-03-30T08:40:49+5:30

Good Friday 2018: ईसा मसीह का जन्म चर्च ऑफ नेटिविटी में हुआ था जो येरुशलेम के बैथलहम में स्थित है। यह जगह सबसे पवित्र जगह में से एक माना जाता है।

Good Friday 2018: History, significance of Jesus Christ church, birthplace, death place in hindi | गुड फ्राइडे 2018: यहां हुआ था ईसा मसीह का जन्म, इस जगह चढ़ाया गया था सूली पर, देखें तस्वीरें

Good Friday 2018 (गुड फ्राइडे 2018): History, significance of Jesus Christ (ईसा मसीह) church, birthplace, death place in hindi

गुड फ्राइडे, ईसाई धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है जिसे विश्वभर में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे का दिन बेहद ही पवित्र माना जाता है। ईसाई धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक इस दिन ईसा मसीह को जनकल्याण और यातनाओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उन्हें कलवारी में सूली पर चढ़ाया गया था। इस दिन को को ग्रेट फ्राइडे, हॉली फ्राइडे या ब्लैक फ्राइडे के रूप में भी जाना जात है। इस दिन बहुत से लोग ईसा की याद में उपवास रखते हैं और चर्च में जाकर उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से याद कर उनकी प्रार्थना करते हैं। इस साल गुड फ्राइडे 30 मार्च को है। इस मौके पर आज हम आपको ईसा मसीह से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों से रूबरू कराते हैं। 

ईसा मसीह का जन्मस्थल

ईसा मसीह का जन्म चर्च ऑफ नेटिविटी में हुआ था जो यरुशलम के बैथलहम में स्थित है। यह जगह यहां की सबसे पवित्र जगहों में से एक मानी जाती है। चर्च के नीचे एक गुफा है जहां उनका जन्म हुआ था। जन्मस्थल पर एक शिलालेख है जिसपर लिखा गया है कि ईसा मसीह को यहां  मरियम (मैरी) ने जन्म दिया था। चर्च 1700 साल पुराना माना जाता है। बैथलहम के इस चर्च को यूनेस्को ने उन ईमारतों में शामिल किया जो नष्ट होने के कगार पर थे।

गलील झील पर रहते थे ईसा मसीह

यरुशलम के गलीलिया प्रांत में जन्मे ईसा मसीह का लगाव गलील झील से भी था क्योंकि यहां उनके साथ कई घटनाएं घटी। दरअसल गलील झील की वजह से उस प्रांत का नाम रखा गया। इसलिए ईसाइयों के लिए गलील झील का काफी महत्व होता है। माना जाता है है यहां वो रहते थे। इसी क्षेत्र में माउंट ऑफ बीटीच्यू़ड्स है जहां उन्होंने धर्मोपदेश दिया था। 

चर्च ऑफ द हॉली सेप वक्र उनका मकबरा 

यह चर्च ईसाइयों के लिए सबसे पवित्र स्थल में से एक है। माना जाता है यह वह मकबरा है जहां 33 ईसवी को ईसा मसीह को दफनाया गया। इतना ही नहीं इस चर्च में वो चट्टान आज भी है जिसे उन्हें ढका गया था। इस मकबरे को एक 200 साल बाद खोला गया था। इस जगह एक ईसा मसीह का प्राचीन चित्र (पेंटिंग) भी रखा गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फिर से जीवित होने से पहले ईसा मसीह को इसी गुफा में दफनाया गया था। 19वीं सदी में इस जगह पर एक चर्च बनाया गया था।

मुक्तिदाता चर्च

यह चर्च साल 1893 से 1889 तक येरूशलेम में सेंट मारिया लैटिना के खंडहर पर बनाया गया था। यह चर्च येरूशलेम के ओल्ड सिटी सेंटर में स्थित है।

कलवारी में सूली पर चढ़ाया गया 

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, ईसा मसीह यहूदियों के राजा माने जाते थे। इसके लिए उन्हें दोषी करार देकर गेत्ज़ीमन के गार्डेन में गिरफ्तार कर लिया गया। उनके शिष्य जुदास ने उनके साथ विश्‍वासघात किया। यहूदियों की महासभा ने उनको इसलिए प्राणदंड दिया कि वह मसीह तथा ईश्वर का पुत्र होने का दावा करते हैं। रोमन राज्यपाल ने इस दंडाज्ञा का समर्थन किया और ईसा को क्रूस पर मरने का आदेश दिया। 

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