गंगा दशहरा 2020: किस पात्र में गंगाजल रखना होता है शुभ? सकारात्मक ऊर्जा के लिए इसका छिड़काव
By मेघना वर्मा | Published: May 31, 2020 12:44 PM2020-05-31T12:44:54+5:302020-05-31T12:44:54+5:30
घर में सकारात्मकता और पवित्रता बनाए रखने के लिए समय-समय पर गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
गंगा नदी को देवों की नदी भी कहा जाता है। गंगा नदी का हर पूजा में प्रयोग करना शुभ माना जाता है। गंगाजल से देवी-देवताओं का अभिषेक भी किया जाता है। घर की पूजा में भी गंगाजल का काफी महत्व होता है। लोग गंगाजल से देवी-देवताओं को स्नान करते हैं।
घर में होने वाली पूजा में लोग अक्सर गंगाजल को रखने के लिए अलग-अलग पात्र का इस्तेमाल करते हैं। कोई उसे तांबे के लोटे में रखता है तो कोई पीतल में। कोई स्टील मे गंगाजल को रखकर प्रयोग करता है तो कोई प्लास्टिक के कंटेनर में। गंगा दशहरा पर आइए आज आपको बताते हैं कि किस पात्र में गंगाजल का रखना शुभ माना जाता है।
इस धातु के बर्तन होने हैं शुभ
गंगाजल को हमेशा तांबे, चांदी या सोने के बर्तन में रखना चाहिए। गंगाजल को हमेशा घर कें मंदिर में ही रखना चाहिए। इसे कभी भी कहीं और नहीं रखना चाहिए। गंगाजल को कभी भी प्लास्टिक के कंटेनर में नहीं रखना चाहिए इसे अशुभ माना जाता है।
घर में करें गंगाजल का छिड़काव
घर में सकारात्मकता और पवित्रता बनाए रखने के लिए समय-समय पर गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। घर में सुबह-शाम साफ-सफाई करनी चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोषों का असर खत्म हो सकता है। इसके असर से नकारात्मकता खत्म होती है।
गंगा दशहरा तिथि व मुहूर्त 2020
दशमी तिथि प्रारंभ - 31 मई 2020 को 05:36 बजे शाम
दशमी तिथि समाप्त - 01 जून को 02:57 बजे शाम
हस्त नक्षत्र प्रारंभ- 01 जून को 3 बजकर एक मिनट पर सुबह
हस्त नक्षत्र समाप्त- 02 जून को 01 बजकर 18 मिनट, सुबह
दस पापों का करता है नाश
ग्रंथों में दस प्रकार के पाप का वर्णन किया गया है जिसमें काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मत्सर, ईर्ष्या, ब्रह्महत्या, छल-कपट, परनिंदा है। इसके आलावा अवैध संबंध, बिना बात जीवों को कष्ट देना, असत्य बोलने और किसी को धोखा देने से जैसे पाप भी गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से धुल जाता है।