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Ganesh Chaturthi 2023: वित्तीय विकास के लिए भगवान गणेश की मूर्ति का चयन करते समय ध्यान में रखें ये 5 बातें, हर मनोकामना होगी पूरी

By मनाली रस्तोगी | Updated: September 14, 2023 11:41 IST

यदि आप इस गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा को अपने घर लाने की योजना बना रहे हैं, तो यहां कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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ठळक मुद्देइस वर्ष गणेश चतुर्थी का उत्सव 19 सितंबर 2023 से शुरू होगा।गणपति उत्सव के 10 दिवसीय उत्सव के दौरान भगवान गणेश की मूर्तियों को घर पर लाने का गहरा महत्व है।

गणेश चतुर्थी का शुभ त्योहार नजदीक है जो भगवान गणेश की जयंती का जश्न मनाता है। दयालु भगवान को "विघ्नहर्ता" के रूप में जाना जाता है और वह भाग्य और ज्ञान से जुड़े एक महत्वपूर्ण देवता हैं। यह त्योहार हिंदू महीने भाद्रपद की चतुर्थी (चौथे दिन) से शुरू होता है। गणपति उत्सव के 10 दिवसीय उत्सव के दौरान भगवान गणेश की मूर्तियों को घर पर लाने का गहरा महत्व है। 

इस वर्ष गणेश चतुर्थी का उत्सव 19 सितंबर 2023 से शुरू होगा। यदि आप इस गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा को अपने घर लाने की योजना बना रहे हैं, तो यहां कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

भगवान गणपति की मुद्रा 

गणेश जी की मूर्ति घर लाते समय ध्यान रखें कि भगवान की मुद्रा कैसी है। आदर्श गणेश प्रतिमा ललितासन में मानी जाती है। चूंकि यह शांति और शांति का प्रतीक है, इसलिए इसे बैठे हुए गणेश के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा, लेटी हुई स्थिति में गणपति बप्पा की मूर्तियों को बेहद भाग्यशाली माना जाता है क्योंकि वे विलासिता, आराम और धन का प्रतीक हैं।

भगवान गणेश की सूंड की दिशा

अपने घर के लिए भगवान गणपति की मूर्ति का चयन करते समय ट्रंक की स्थिति पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। वास्तु के अनुसार, गणेश जी की मूर्ति की सूंड बाईं ओर मुड़ी होनी चाहिए, क्योंकि यह समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि गणेश देवता की दाहिनी ओर झुकी हुई सूंड एक कठिन-से-प्रसन्न मनोवृत्ति को दर्शाती है।

गणपति की मूर्ति का रंग

वास्तु शास्त्र के अनुसार शांति और समृद्धि चाहने वाले परिवारों के लिए सफेद गणेश की मूर्ति आदर्श विकल्प है। यदि आप पेशेवर रूप से विकास करना चाहते हैं तो अपने घर के लिए सिन्दूरी रंग की गणेश मूर्ति चुनें। सफेद गणेश धन, आनंद और सफलता के लिए एक शक्तिशाली चुंबक हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि भगवान की पीठ आपके घर के बाहर की ओर होनी चाहिए।

मूर्ति नहीं टूटनी चाहिए 

घर में देवी-देवताओं की खंडित मूर्ति लाना बेहद अशुभ माना जाता है। इसलिए, मूर्ति की सावधानीपूर्वक जांच करें और उसके बाद ही इसे अपने घर लाएं।

भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना

वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार घर में भगवान गणेश की मूर्ति रखने के लिए पश्चिम, उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशाएं सबसे अच्छी जगह हैं, क्योंकि भगवान शिव, जो गणपति बप्पा के पिता हैं, को उत्तर दिशा में निवास करने के लिए कहा जाता है। भगवान गणेश की मूर्ति कभी भी दक्षिण दिशा में न रखें।

(Disclaimer: यह सामान्य सार्वजनिक जानकारी पर आधारित है। लोकमत हिंदी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। कोई भी उपाय अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)

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