लाइव न्यूज़ :

गणेश चतुर्थी को क्यों नहीं करने चाहिए चांद के दर्शन ?

By गुणातीत ओझा | Updated: August 22, 2020 15:54 IST

हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं करने चाहिए क्योंकि इस रात्रि को चंद्र दर्शन करने से झूठे आरोप लगते हैं। इस सम्बन्ध में हमारे धर्म ग्रंथों में दो कथाएं है।

Open in App
ठळक मुद्देगणेश चतुर्थी आज 22 अगस्त, शनिवार को मनाई जा रही है।10 दिनों तक स्थापना के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणेशजी को विर्सजित किया जाता है।

साल भर के इंतजार के बाद एक बार फिर गणपति बप्पा घर-घर में पधारेंगे। इस बार गणेश चतुर्थी आज 22 अगस्त, शनिवार को मनाई जा रही है। मान्यताओं के अनुसार भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी का जन्म हुआ था, इस उपलक्ष्य में हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। 10 दिनों तक स्थापना के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणेशजी को विर्सजित किया जाता है। भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है। वे भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं।

हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं करने चाहिए क्योंकि इस रात्रि को चंद्र दर्शन करने से झूठे आरोप लगते हैं। इस सम्बन्ध में हमारे धर्म ग्रंथों में दो कथाएं है। पहली कथा यह बताती है की चंद्र दर्शन क्यों नहीं करना चाहिए जबकि दूसरी कथा को सुनने से भूलवश हुए चंद्र-दर्शन का दोष नहीं लगता है।

श्रीगणेश ने दिया था चंद्रमा को श्राप

भगवान गणेश को गज का मुख लगाया गया तो वे गजवदन कहलाए और माता-पिता के रूप में पृथ्वी की सबसे पहले परिक्रमा करने के कारण अग्रपूज्य हुए। सभी देवताओं ने उनकी स्तुति की पर चंद्रमा मंद-मंद मुस्कुराता रहा। उसे अपने सौंदर्य पर अभिमान था। गणेशजी समझ गए कि चंद्रमा अभिमान वश उनका उपहास करता है। क्रोध में आकर भगवान श्रीगणेश ने चंद्रमा को श्राप दे दिया कि- आज से तुम काले हो जाओगे। चंद्रमा को अपनी भूल का अहसास हुआ।

उसने श्री गणेश से क्षमा मांगी तो गणेशजी ने कहा सूर्य के प्रकाश को पाकर तुम एक दिन पूर्ण होओगे यानी पूर्ण प्रकाशित होंगे। लेकिन आज का यह दिन तुम्हें दंड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। इस दिन को याद कर कोई अन्य व्यक्ति अपने सौंदर्य पर अभिमान नहीं करेगा। जो कोई व्यक्ति आज यानी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन तुम्हारे दर्शन करेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा। इसीलिए भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं किया जाता।

भगवान श्रीकृष्ण पर लगा था चोरी का आरोप

सत्राजित् नाम के एक यदुवंशी ने सूर्य भगवान को तप से प्रसन्न कर स्यमंतक नाम की मणि प्राप्त की थी। वह मणि प्रतिदिन स्वर्ण प्रदान करती थी। उसके प्रभाव से पूरे राष्ट्र में रोग, अनावृष्टि यानी बरसात न होना, सर्प, अग्नि, चोर आदि का डर नहीं रहता था। एक दिन सत्राजित् राजा उग्रसेन के दरबार में आया। वहां श्रीकृष्ण भी उपस्थित थे। श्रीकृष्ण ने सोचा कि कितना अच्छा होता यह मणि अगर राजा उग्रसेन के पास होती।

किसी तरह यह बात सत्राजित् को मालूम पड़ गई। इसलिए उसने मणि अपने भाई प्रसेन को दे दी। एक दिन प्रसेन जंगल गया। वहां सिंह ने उसे मार डाला। जब वह वापस नहीं लौटा तो लोगों ने यह आशंका उठाई कि श्रीकृष्ण उस मणि को चाहते थे। इसलिए सत्राजित् को मारकर उन्होंने ही वह मणि ले ली होगी। लेकिन मणि सिंह के मुंह में रह गई। जाम्बवान ने शेर को मारकर मणि ले ली। जब श्रीकृष्ण को यह मालूम पड़ा कि उन पर झूठा आरोप लग रहा है तो वे सच्चाई की तलाश में जंगल गए।

वे जाम्बवान की गुफा तक पहुंचे और जाम्बवान से मणि लेने के लिए उसके साथ 21 दिनों तक घोर संग्राम किया। अंतत: जाम्बवान समझ गया कि श्रीकृष्ण तो उनके प्रभु हैं। त्रेता युग में श्रीराम के रूप में वे उनके स्वामी थे। जाम्बवान ने तब खुशी-खुशी वह मणि श्रीकृष्ण को लौटा दी तथा अपनी पुत्री जाम्बवंती का विवाह श्रीकृष्ण से करवा दिया।  श्रीकृष्ण ने वह मणि सत्राजित् को सौंप दी। सत्राजित् ने भी खुश होकर अपनी पुत्री सत्यभामा का विवाह श्रीकृष्ण के साथ कर दिया।

टॅग्स :गणेश चतुर्थीभगवान गणेश
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठDiwali Puja Time Today: दिवाली पूजा का समय और शुभ मुहूर्त कब है?, 20 अक्टूबर गणेश-लक्ष्मी पूजा...

पूजा पाठDhanteras 2025 के दिन सोना और चांदी खरीदने के लिए क्या है शुभ मुहूर्त? जानें पूजा का समय और सबकुछ

पूजा पाठDiwali Rangoli 2025: इस दिवाली बनाए लेटेस्ट रंगोली डिजाइन, बढ़ जाएगी घर की शोभा

पूजा पाठDiwali 2025: बच्चों से लेकर बड़ों तक..., दिवाली से जुड़े ये फैक्ट्स के बारें हर किसी को होने चाहिए पता, जानिए यहां

पूजा पाठDhanteras 2025: सिर्फ सोना-चांदी नहीं, धनतेरस के दिन इन चीजों को खरीदना होता है बेहद शुभ, मां लक्ष्मी की होती है सीधी कृपा

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय