Ganesh Chaturthi: 9000 नारियलों से बनाई गई है गणेश जी की यह अद्भुत इको-फ्रेंडली मूर्ति
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 2, 2019 11:45 AM2019-09-02T11:45:46+5:302019-09-02T11:45:46+5:30
Ganesh Chaturthi: हाल के वर्षों में इको-फ्रेंडली मूर्तियों का प्रचलन खूब बढ़ा है। बेंगलुरु में ऐसी ही एक मूर्ति इस बार भगवान गणेश की बनाई गई है। इस मूर्ति को बनाने में 9000 नारियल का इस्तेमाल हुआ है।
Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी का उत्सव महाराष्ट्र समेत पूरे देश में शुरू हो चुका है। इस मौके पर देश भर में कई जगहों और चौक-चौराहों पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है। अगले 10 दिनों तक यह उत्सव ऐसे ही जारी रहेगा और फिर अगले साल आने की कामना के साथ गणपति को विदाई दे दी जाएगी। पिछले कुछ वर्षों में पीओपी और दूसरी मानव निर्मित केमिकल्स और पेंट आदि से बनाई गई गणेश जी की मूर्तियों से जो पर्यावरण को नुकसान की बातें होने लगी थी, उसके बाद अब इसे लेकर जागरुकता बढ़ी है।
हाल के वर्षों में धीरे-धीरे ही सही पर अब इको-फ्रेंडली मूर्तियों का प्रचलन बढ़ गया है। ऐसी ही एक इको-फ्रेंडली गणेश जी की मूर्ति की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है। यह मूर्ति गणेश चतुर्थी के मौके पर बेंगलुरु में बनाई गई है। इस 30 फीट ऊंची मूर्ति की सबसे खास बात ये है कि इसे बनाने में कुल 9000 नारियल का इस्तेमाल हुआ है। इस मूर्ति को इस साल बेंगलुरु के पुटेनगली गणेश मंदिर में स्थापित किया गया है।
Ganesh Chaturthi: गणेश की अद्भुत मूर्ति 20 दिनों में हुई तैयार
भगवान गणेश की इस इको-फ्रेंडली मूर्ति को बनाने में 70 भक्त जुटे थे और इन सभी के प्रयास से इसे 20 दिनों में तैयार किया गया। नारियल के अलावा 20 अलग-अलग तरह की सब्जियों का भी इस्तेमाल भी इस मंदिर को सजाने के लिए किया गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार यहां के एक भक्त मोहन राजू ने बताया कि हर साल यहां गणेश जी की इको-फ्रेंडली मूर्ति स्थापित की जाती है। इसे बनाने में उन्ही चीजों का इस्तेमाल किया जाता है तो प्राकृतिक हैं और जिनका दोबारा इस्तेमाल किया जा सके।
पिछले साल यहां गन्ने से बनी मूर्ति स्थापित की गई थी। राजू ने बताया, गणेश की मूर्ति के साथ करीब एक टन हलवा भी बनाया जाएगा। इसके लिए खास कारीगर बुलाये गये हैं। गणेश जी की यह मूर्ति 5 दिनों बाद यहां से हटाई जाएगी और सभी नारियल भक्तों में हलवे के साथ बांट दी जाएगी।