राजनाथ सिंह फ्रांस में करेंगे 'शस्त्र पूजा', जानिए दशहरे के दिन क्यों होती है शस्त्रों की पूजा- क्या है इसका महत्व
By मेघना वर्मा | Updated: October 7, 2019 12:50 IST2019-10-07T12:50:43+5:302019-10-07T12:50:43+5:30
Dussehra Vijayadashami Shastra Puja Timing, Shubh Muhurat, Puja Vidhi, Importance in Hindi: दशहरा पर शस्त्रों की पूजा आप भी कर सकते हैं। शस्त्र को पूजने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

राजनाथ सिंह फ्रांस में करेंगे 'शस्त्र पूजा', जानिए दशहरे के दिन क्यों होती है शस्त्रों की पूजा- क्या है इसका महत्व
दशहरे का ये पर्व देश भर में मनाया जा रहा है। भगवान राम की बुराई पर अच्छाई की इस जीत का जश्न पूरे देश में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। जानी-मानी हस्तियां भी इस दशहरे का त्योहार खास तरीकों से मनाते हैं। इस बार देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बार शस्त्र की पूजा की परम्परा को कायम रखेंगे।
आठ अक्टूबर को इस बार राजनाथ सिंह राफेल फाइटर जेट के साथ फ्रांस में ही शस्त्र पूजा करेंगे। आइए हम आपको बताते हैं क्या होती है शस्त्र पूजा और क्या है इसका महत्व।
शस्त्र को पूजने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। प्राचीनकाल में क्षत्रिय शत्रुओं पर विजय की कामना के लिए इसी दिन अपने शस्त्रों का पूजन किया करते थे। इसी दिन वो दुश्मन से लड़ने के लिए शस्त्रों का चुनाव भी किया करते थे।
सिर्फ यही नहीं शस्त्र पूजा को आत्मरक्षा के लिए धर्मसम्मत तरीके से शस्त्र प्रयोग किया जाता रहा है। ये परम्परा आज भी धूमधाम से मनाई जाती है।
ये है पूजन की विधि
दशहरा पर शस्त्रों की पूजा आप भी कर सकते हैं। शस्त्र को पूजने के लिए सबसे पहले घर पर जितने भी शस्त्र हैं उन्हें पवित्र गंगाजल से धोएं या उस पर गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद उसमें से हल्दी और कुमकुम से टीका लगाएं और फूल-फल अर्पित करें। इसके बाद उस पर शमी की पत्ती चढ़ाएं।
8 अक्टूबर को ही वायुसेना दिवस भी है। उसी दिन राजनाथ सिंह बोर्डिओक्स के पास मेरिनैक में राफेल जेट रिसीव करेंगे। 9 अक्टूबर को राजनाथ सिंह वरिष्ठ वायुसेना अधिकारियों के साथ पेरिस जाएंगे। पिछले साल राजनाथ सिंह ने बीएसएफ के जवानों के साथ बीकानेर में शस्त्र पूजा की थी।

