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कैलाश पर्वत पर क्यों आज तक कोई नहीं चढ़ पाया, जानिए भगवान शिव के धाम से जुड़ी 10 सबसे रहस्यमयी बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 21, 2019 11:56 IST

यह दिलचस्प और हैरान करने वाली बात है कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर 9 हजार से ज्यादा लोग चढ़ाई कर चुके हैं लेकिन कैलाश पर्वत की चोटी पर आज तक कोई नहीं पहुंच सका है।

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ठळक मुद्देभगवान शिव के धाम कैलाश पर्वत से जुड़ी हैं कई रहस्यमयी बातें कैलाश पर जिसने भी चढ़ने की कोशिश की, उसे लौटना पड़ा या जान गंवानी पड़ीकई लोगों ने ऐसे अनुभव बताये कि कैलाश पर चढ़ने के दौरान तेजी से बढ़ती है उम्र

हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत का बेहद खास महत्व है। इसे भगवान शिव का निवास स्थल माना गया है। चीन के कब्जे वाले तिब्बत क्षेत्र में आने वाले कैलाश पर्वत और मानसरोवर की यात्रा हर साल हजारों श्रद्धालु करते हैं। इस यात्रा को बेहद मुश्किल माना जाता है। यहां तक जाने का रास्ता भी बेहद दुर्गम है। इसके बावजूद यात्री पूरे जोश और भक्ति में सराबोर होकर कैलाश मानसरोवर तक की यात्रा करते हैं।

हालांकि, क्या आप जानते हैं कि इस यात्रा पर जाने वाले भक्त मानसरोवर में तो डुबकी लगाते हैं पर उन्हें कैलाश पर्वत को दूर से ही प्रणाम कर लौटना पड़ता है। कैलाश मानसरोवर का स्थल हिंदुओं के साथ-साथ बौद्ध धर्म मानने वालों के लिए भी बेहद पवित्र माना गया है। वैसे, यह दिलचस्प और हैरान करने वाली बात है कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर 9 हजार से ज्यादा लोग चढ़ाई कर चुके हैं लेकिन कैलाश पर्वत की चोटी पर आज तक कोई नहीं पहुंच सका है। कई लोगों ने कोशिश जरूर की, लेकिन या कुछ अपनी जान गंवा बैठे तो कुछ को हार मानकर वापस लौटना पड़ा।

कैलाश की ऊंचाई करीब 6638 मीटर है और इस लिहाज से यह एवरेस्ट से लगभग 2200 मीटर कम है। इसके बावजूद कोई भी कैलाश पर नहीं चढ़ सका है। आखिर ऐसा क्यों हैं? क्यों दुनिया को कैलाश के बारे में बहुत कम पता है? जानिए, कैलाश पर्वत से जुड़े 10 रहस्य.... 

1. पिरामिड है कैलाश!- रूस के एक डॉक्टर अर्नेस्ट मल्डासेव ने अपनी जांच के बाद यह थ्योरी दी कि कैलाश पर्वत दरअसल इंसानों द्वारा बनाया गया एक विशाल और प्राचीन पिरामिड है और चारों ओर से छोटे-छोटे पिरामिड से घिरा है। हालांकि, इस थ्योरी को लेकर कोई पुख्ता बात सामने नहीं आ सकी। बाद में ये तथ्य कई वैज्ञानिकों ने खारिज भी कर दिये।

2. कैलाश पर चढ़ाई के दौरान तेजी से बढ़ने लगती है उम्र: कैलाश पर चढ़ने की कोशिश करने वाले कई पर्वतारोहियों ने यह अनुभव किया है कि चढ़ाई के दौरान उनके बाल और नाखून तेजी से बढ़ने शुरू हो गये। एक बार साइबेरिया क्षेत्र के कुछ लोगों ने इस पर चढ़ने की कोशिश की लेकिन उन्होंने अनुभव किया कि वे बूढ़े होने लगे हैं। इन सभी को अपनी चढ़ाई बीच में छोड़कर लौटना पड़ा और इस घटना के एक साल बाद सभी की मृत्यु हो गई।

3. कैलाश पर चढ़ाई: कैलाश पर्वत पर चढ़ाई में अब तक कोई सफल नहीं हो सका है। कभी खराब मौसम के कारण, कभी स्वास्थ्य तो कभी रास्ता भटक जाने के कारण कोई भी इस पर्वत पर आज तक नहीं चढ़ सका। कई लोगों ने यह अनुभव बताया है कि तमाम तैयारियों के बावजूद वे रास्ता भूल गये।

4. दुनिया इन रहस्यों से अब भी अनजान:  हिंदू और बौद्ध मान्यताओं के अनुसार कैलाश पर्वत के चारों ओर कई ऐसी गुफाए हैं, जिनके बारे में दुनिया को पता नहीं है। यहां दिव्य साधु-संत जाकर रहते हैं और तपस्या करते हैं। यह गुफाएं केवल कुछ लोग ही देख सके हैं।

5. कैलाश पर रहते हैं भगवान: तिब्बत की एक लोक कथा के अनुसार मिलारेपा नाम के एक बौद्ध संत कैलाश पर्वत पर सबसे ऊंचाई पर पहुंचने में सफल रहे। जब वे वहां से लौटे तो उन्होंने सभी को आगाह किया कि वे वहां जाने की कोशिश न करें क्योंकि वहां भगवान आराम कर रहे हैं।

6. कैलाश पर बैन है अब चढ़ाई करना: कैलाश पर्वत पर चढ़ने की आखिरी कोशिश 2001 में की गई थी। हालांकि, कई लोगों की मांग थी कि धार्मिक रूप से पवित्र स्थान होने के कारण इस पर चढ़ाई नहीं होनी चाहिए। इसके बाद चीन प्रशासन ने कैलाश पर्वत की चढ़ाई पर रोक लगा दी। 

7. कैलाश के रहस्यमी झील: कैलाश पर्वत से नीचे दो तालाब भी अपने आप में रहस्यमयी हैं। इनका नाम है ब्रम्ह ताल और राक्षस ताल। मान्यता है कि कि ब्रम्ह ताल भगवान ब्रम्ह की देन है। इसमें मीठा पानी आता है। वहीं, राक्षस ताल को रावण ने बनाया, इसमें खारा पानी है। यही नहीं, मौसम कैसा भी हो ब्रम्ह ताल में पानी हमेशा शांत रहता है जबकि वहीं, राक्षस ताल हमेशा अशांत नजर आता है। 

तस्वीर- गूगल मैप

8. पृथ्वी का केंद्र है कैलाश: यह माना जाता है कि कैलाश पर्वत एक 'एक्सिस मुंडी' है। आप इसे आसान भाषा में कह सकते हैं कि यह पृथ्वी का केंद्र या पिलर है। एक्सिस मुंडी लैटिन का शब्द है, जिसका मतलब ब्रह्मांड का केंद्र होता है। यह भी मान्यता है कि यहां आसमान और धरती का मिलन होता है। 

9. हैरान करने वाले दावे: कई पर्वतारोहियों ने कहा है कि कैलाश पर चढ़ना असंभव है। अंग्रेज पर्वतारोही और रिसर्चर यू रटलेज ने कैलाश पर चढ़ाई को बिल्कुल असंभव बताया। ऐसे ही रूस के सरगे सिस्टियाकोव ने बताया कि जब वे पर्वत के बिल्कुल करीब पहुंचे तो उनका दिल तेजी से धड़कने लगा। सरगे के अनुसार अचानक उन्हें बहुत कमजोरी महसूस होने लगी और मन में ख्याल आया कि अब वहां और नहीं रुकना चाहिए। इसके बाद वे नीचे लौट गये।

10. चार धर्मों के लिए पवित्र है कैलाश: कैलाश और इसके आसपास का क्षेत्र हिंदू धर्म के लिए ही नहीं बल्कि तीन अन्य धर्मों जैन, बौद्ध और बोन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। कैलाश पर्वत का विशेष आकार भी बेहद चौंकाने वाला है। माना जाता है कि कैलाश पर्वत का आकार चौमुखी है और दिशा बताने वाले कम्पास की तरह है।

टॅग्स :कैलाश मानसरोवरभगवान शिवचीन
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