आज से शरू हुआ चीनी नववर्ष 2019, जानवरों के नाम पर होता है नया साल, जानें रोचक बातें
By गुलनीत कौर | Published: February 5, 2019 10:31 AM2019-02-05T10:31:08+5:302019-02-05T10:31:08+5:30
चीनी एस्ट्रोलॉजी में नए साल का प्रतिनिधित्व करने के लिए कुल 12 पशु हैं - चूहा, बैल, बाघ, खरगोश, ड्रैगन, सांप, घो़ड़ा, बकरी, बंदर, मुर्गा, कुत्ता और सूअर। इसके पीछे भी एक खास मान्यता है।
दुनिया भर में ऐसे कई देश हैं जो चांद के मुताबिक अपने नए साल की शुरुआत करते हैं। पड़ोसी देश चीन भी उन्हीं में से एक है। लूनर नयू ईयर के बारेर में तो आपने सुना ही होगा। इस साल 5 फरवरी से लूनर नयू ईयर शुरू हो तरह है। इस्सीदीन को चीन में नए साल का पहला दिन मानकर जश्न के साथ मनाया जाता है। इस दौरान पूरे 15 दिन के महाउत्सव का आयोजन होता है। जिसमें चीन की संस्कृति और पारंपरिक रौनक देखने को मिलती है।
चीन का शूकर नववर्ष
चीन का नया साल सिर्फ कहने को ही खास नहीं है। इसकी हर छोटी से बड़ी बात में रोचकता छिपी है। पहला उदाहरण है इसका राशि चक्र। चीनी नववर्ष का राशि चक्र जानवरों पर आधारित होता है। पिछले साल का जानवर कुत्ता था, इस साल चीनी एस्ट्रोलॉजी ने शूकर यानी सूअर को चुना है। चीन में जिस जानवर से नया साल शुरू होता है, पूरे देश में उसके पोस्टर, बैनर और यहां तक कि तोहफों पर भी उसकी तस्वीर लगाई जाती है। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
चीनी नववर्ष में जानवर
चीनी एस्ट्रोलॉजी में नए साल का प्रतिनिधित्व करने के लिए कुल 12 पशु हैं - चूहा, बैल, बाघ, खरगोश, ड्रैगन, सांप, घो़ड़ा, बकरी, बंदर, मुर्गा, कुत्ता और सूअर। इसके पीछे भी एक खास मान्यता है। चीनी मानते हैं कि पहली बार भगवान बुद्ध को सम्मान देने के लिए इंसान नहीं, बल्कि 12 जानवर आगे आए थे। इसलिए चीनी भाईयों ने उन बारह जानवरों को अपने राशि चक्र में शामिल किया है।
चीनी नववर्ष 2019
साल 2019 में चीनी देश ने सूअर को लूनर नयू ईयर जिस पशु का नाम घोषित किया है उसे लेकर कई जगह विवाह भी छिड़ गया है। मुस्लिम देशों में इसे लेकर बहस हो रही है। क्योंकि मुस्लिम समुदाय में 'शूकर' को अपवित्र समझा जाता है। एशिया में इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों ने चीनी नववर्ष 2019 के पशु के खिलाफ आवाज उठाई है और सूअर को इस साल के पशु चुनने की बात को 'अनुचित' बताया है।
चीन का स्प्रिंग फेस्टिवल
लूनर नयू ईयर या फिर चीनी नववर्ष कहे जाने वाले 15 दिनों के इस महोत्सव को चीनी लोग 'स्प्रिंग फेस्टिवल' भी कहते हैं। इसदिन से ही ठंडे दिनों का अंत मना जाता है। पतझड़ जाएगा और बसंत आएगा, इस खुशी में कई दिनों तक चीन में रौनक लगी रहती है। उत्सव का माहौल निरंतर ही बना रहता है।