लाइव न्यूज़ :

Chhath Puja 2024: नहाए खाए के साथ शुरू हो रहा है लोक आस्था का महापर्व छठ, बाजारों में बढ़ी रौनक

By एस पी सिन्हा | Updated: November 4, 2024 14:21 IST

Chhath Puja 2024: इस महापर्व को लेकर लोगों ने खरीदारी करनी शुरू कर दी है। छठ पूजा को लेकर सूप, दउरा, मिट्टी का चूल्हा लकड़ी, नारियल आदि की खरीदारी की जाने लगी है। खरीदारों की भीड़ बाजार में उमड़ने लगी है। 

Open in App
ठळक मुद्देChhath Puja 2024: इस पर्व का पहला दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को नहाय-खाय से होता हैChhath Puja 2024: इस दिन व्रती गंगा नदी या किसी पवित्र जलाशय में स्नान करते हैं और सूर्यदेव को जल अर्पित करके व्रत का संकल्प लेते हैंChhath Puja 2024: इसके बाद अरवा चावल, चना दाल और कद्दू की सब्जी आदि शुद्ध प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत की शुरुआत करते हैं

पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार से नहाए खाए के साथ शुरू हो रहा है। ऐसे में इस महापर्व को लेकर बाजारों में भी रौनक बढ़ गई है। इसके साथ ही गंगा घाटों की तैयारी भी अब अंतिम चरण में है। यहां श्रद्धालुओं की सुविधाओं का खास ख्याल रखा गया है। घाट किनारे बचे हुए काम को तेजी से पूरा किया जा रहा है। घाट को सजाने के लिए रंग-बिरंगे खासकर ब्लू रंग में सजाने का काम अंतिम चरण में है। उधर, इस महापर्व को लेकर लोगों ने खरीदारी करनी शुरू कर दी है। छठ पूजा को लेकर सूप, दउरा, मिट्टी का चूल्हा लकड़ी, नारियल आदि की खरीदारी की जाने लगी है। खरीदारों की भीड़ बाजार में उमड़ने लगी है। 

इस बार छठ पूजा पर पीतल की सूप का काफी मांग है। इसमें कस्टमाइज सूप भी शामिल है। बता दें कि इस पर्व का पहला दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को नहाय-खाय से होता है। इस दिन व्रती गंगा नदी या किसी पवित्र जलाशय में स्नान करते हैं और सूर्यदेव को जल अर्पित करके व्रत का संकल्प लेते हैं। इसके बाद अरवा चावल, चना दाल और कद्दू की सब्जी आदि शुद्ध प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत की शुरुआत करते हैं। छठ महापर्व को शुद्धता के लिए जाना जाता है। 

वैसे तो इस महापर्व में अधिकतर घरेलू सामान का ही उपयोग किया जाता है। पंडित फणीभूषण तिवारी ने बताया कि 6 नवंबर को खरना मनाया जाएगा, जो कार्तिक शुक्ल पंचमी पर आता है। इस दिन व्रती निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को भगवान सूर्य की पूजा करने के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह प्रसाद मुख्य रूप से गुड़ से बने खीर और रोटी का होता है। खरना के बाद व्रती 36 घंटे तक निर्जला उपवास का संकल्प लेते हैं, जिसमें वे जल भी ग्रहण नहीं करते। 

वहीं तीसरे दिन 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन व्रती विशेष तौर पर सजाए गए छठ घाट पर जाते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। सूर्य को अर्घ्य देने से माना जाता है कि मानसिक शांति, प्रगति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। संध्या अर्घ्य में व्रती फल, मिठाई, नारियल, पान-सुपारी और फूलों से सजाए गए डाला के साथ सूर्य देव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। जबकि अंतिम दिन 8 नवंबर की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन किया जाता है। 

उगते सूर्य को अर्घ्य देने से व्रती अपने परिवार के लिए दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। उन्होंने बताया कि इस चार दिवसीय अनुष्ठान में छठ माई की कृपा से परिवार में सुख, शांति और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। छठ पर्व का हर दिन खास योगों में मनाया जाता है, जिससे इस पर्व का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। इस साल जयद् योग में नहाय-खाय और सुकर्मा योग में खरना किया जाएगा।

टॅग्स :छठ पूजाहिन्दू धर्महिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

भारतअसमः एक से ज्यादा शादी किया तो जुर्म?, मुख्यमंत्री हिमंत ने कहा- धर्म से परे और इस्लाम के खिलाफ नहीं?, जानें क्या है कानून

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय