Chaturmas 2024: अगले हफ्ते चतुर्मास होने जा रहा है प्रारंभ, 4 माह तक नहीं होंगे शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्य, जानें धार्मिक महत्व
By रुस्तम राणा | Updated: July 12, 2024 15:18 IST2024-07-12T15:18:11+5:302024-07-12T15:18:11+5:30
Chaturmas 2024 Date: धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन चार महीने में किसी भी प्रकार के शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि नहीं किए जाते हैं। कहा जाता है कि चतुर्मास में जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में सभी शुभ कार्यों को करने या उन्हें शुरू करने की मनाही होती है।

Chaturmas 2024: अगले हफ्ते चतुर्मास होने जा रहा है प्रारंभ, 4 माह तक नहीं होंगे शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्य, जानें धार्मिक महत्व
Chaturmas 2024: हिंदू धर्म में सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह का विशेष महत्व माना गया है। इन चारों महीनों को मिलाकर चातुर्मास होता है। ऐसी मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु सृष्टि का संचालन भगवान शिव को सौंपने के बाद शयन चले जाते हैं। भगवान विष्णु के शयन काल की ये अवधि चार महीने की होती है, इसी वजह से इन 4 महीनों को चातुर्मास कहा जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन चार महीने में किसी भी प्रकार के शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि नहीं किए जाते हैं। कहा जाता है कि चतुर्मास में जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में सभी शुभ कार्यों को करने या उन्हें शुरू करने की मनाही होती है।
इस दिन से सूर्य भी दक्षिणायन में चले जाते हैं। धर्मग्रंथों के अनुसार जहां एक ओर देवता इन महीनों में निद्रा के लिए जाते हैं वहीं, इंसानों के लिए ये महीने खुद पर ध्यान देने और सेहत के लिए संयम और संतुलित भोजन के दिन होते हैं। चतुर्मास आषाढ़ मास के शुक्ल एकादशी (देवशयनी एकादशी) से प्रारंभ होता है और कार्तिक शुक्ल एकादशी (देवउठनी एकादशी) तक चलता है।
कब से शुरू हो रहा है चतुर्मास 2024?
इस साल देवशयनी एकादशी तिथि 17 जुलाई 2024, बुधवार को पड़ रही है। इसी दिन से चतुर्मास प्रारंभ हो जाएगा, जबकि इसका समापन 12 नवंबर, 2024 मंगलवार को देवउठनी एकादशी के दिन होगा। ऐसे में 17 जुलाई से 12 नवंबर तक श्रावण, भाद्रपद अश्विन और कार्तिक माह में मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा।
चतुर्मास में नहीं करें ये काम
चतुर्मास के दौरान इन सभी 4 महीनों में विवाह संस्कार सहित गृह प्रवेश और दूसरे सभी मंगल कार्य निषेध माने गये हैं। मान्यता है कि इन महीनों में भगवान गहन निद्रा में होते हैं इसलिए उनका आशीर्वाद नहीं मिल पाता। इन महीनों में किसी भी इंसान को जप-तप, ध्यान और आध्यात्म की मदद लेनी चाहिए। साथ ही सेहत और संयम पर ध्यान होना चाहिए। इन महीनों में संतुलित भोजन करना चाहिए।
चतुर्मास में करें ये काम
देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु निद्रासन में चले जाते हैं। चार माह के लिए सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। ऐसे में इन चार माह में भगवान शिवजी की पूजा आराधना करना बेहद लाभकारी माना जाता है। इन महीनों में किसी भी इंसान को जप-तप, ध्यान और आध्यात्म की मदद लेनी चाहिए। साथ ही सेहत और संयम पर ध्यान होना चाहिए। इन महीनों में संतुलित भोजन करना चाहिए।
चतुर्मास में पड़ने वाले बड़े त्योहारों की लिस्ट
गुरु पूर्णिमा
कृष्ण जन्माष्टमी
रक्षा बंधन
गणेश चतुर्थी
नवरात्रि (दशहरा - दुर्गा पूजा - विजयादशमी)
दिवाली
चम्पा षष्ठी (महाराष्ट्र में धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार, इस दिन चातुर्मास समाप्त होता है)।