नवरात्रि व्रत में सेंधा नमक (पहाड़ी नमक) का सेवन करने के शास्त्रीय और वैज्ञानिक कारण जरूर जानें
By गुलनीत कौर | Published: April 9, 2019 12:54 PM2019-04-09T12:54:52+5:302019-04-09T12:54:52+5:30
शास्त्रों की राय में सेंधा नमक शुद्ध होता है। आयुर्वेद भी हमें अपने रोजाना के आहार में सेंधा नमक को शामिल करने की सलाह देता है। जिस नमक का हम रोजाना इस्तेमाल करते हैं विज्ञान में उसे सी-साल्ट कहा जाता है। यह समुद्री नमक होता है जो हमारे तक पहुँचते पहुँचते कई सारे केमिकल टेस्ट से गुजरता है।
Sendha Namak importance in Navratri: नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि पर्व का आगाज हो चुका है। 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक नवरात्रि का पर्व चलेगा। 14 अप्रैल की प्रातः 6 बजे के पश्चात ही दशमी तिथि की शुरुआत होगी। नवरात्रि के नौ दिनों में प्रतिदिन दिन देवी के नौ में से किसी एक रूप की पूजा-अर्चना एवं व्रत किया जाएगा। व्रत के दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है।
उदाहरण के लिए तामसिक भोजन से दूर रहना। केवल सात्विक आहार लेना। नशीले पदार्थों का सेवन ना करना। व्रत के दौरान कुछ लोग दिन में एक समय फलाहार (नवरात्रि भोजन) का सेवन करते हैं और बाकी के समय अन्न का त्याग करते हैं। किन्तु कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जो नवरात्रि में भी निर्जल उपवास करते हैं और सीधा रात्रि में भोजन करते हैं।
नवरात्रि में व्रत का भोजन कब और कितनी बार किया जाए यह पूर्णतः भक्त की श्रद्धा पर आधारित है। किन्तु किन चीजों का सेवना हो और क्या बिलकुल ना लें, इस बात का ख्याल रखना अति आवश्यक होता है। जैसे कि नवरात्रि में साधारण नमक की बजाय सेंधा नमक ही लेना चाहिए। भोजन या तो बिना नमक का हो या फिर उसमें सिर्फ और सिर्फ सेंधा नमक मिलाया गया हो।
नवरात्रि में सेंधा नमक क्यूं?
इस प्रश्न का जवाब हमें हिन्दू शास्त्रों के अलावा विज्ञान के माध्यम से भी हासिल होता है। शास्त्रों की राय में सेंधा नमक शुद्ध होता है। आयुर्वेद भी हमें अपने रोजाना के आहार में सेंधा नमक को शामिल करने की सलाह देता है। जिस नमक का हम रोजाना इस्तेमाल करते हैं विज्ञान में उसे सी-साल्ट कहा जाता है। यह समुद्री नमक होता है जो हमारे तक पहुँचते पहुँचते कई सारे केमिकल टेस्ट से गुजरता है। इसलिए व्रत में इसका सेवन अशुद्ध माना जाता है।
व्रत में सात्विकता को ध्यान में रखते हुए पहाड़ी नमक यानी सेंधा नमक लेना ही सही माना जाता है। वर्षों पहले जब लोग नवरात्रि का व्रत करते थे तो फल और बिना नमक वाले सात्विक भोजन का सेवन करते थे। किन्तु समय के साथ सेंधा नमक की मांग बढ़ गई। इसके पीछे सेंधा नमक के स्वास्थ्य को मिलने वाले लाभ भी जिम्मेदार हैं।
सेंधा नमक देता है ठंडक
सेंधा नमक में आयरन, जिंक, मैग्नीशियम सहित कई अन्य खनिज पदार्थ होते हैं। जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या होती है, उन्हें इस नमक के सेवन से ठंडक मिलती है। उनका मन शांत रहता है। अपने शीतल गुणों के कारण ही सेंधा नमक हमारी आंखों के लिए भी अच्छा होता है।
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इम्यून सिस्टम को बनाए मजबूत
व्रत के दौरान केवल एक समय भोजन करने की वजह से शरीर में कमजोरी आ जाती है। ऐसे में कितने ही फलों का सेवन क्यूं ना कर लिया जाए, शरीर को नमक की कमी महसूस होने लगती है। नमक का सेवन करके बीपी को नियंत्रित किया जाता है और सेंधा नमक के स्वास्थ्यवर्धक तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूती देते हैं।
इलेक्ट्रोलाइट्स बढ़ाता है
शरीर को चुस्त दुरुस्त बनाने और ऊर्जावान महसूस करने के लिए शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की आवश्यक मात्रा का होना जरूरी है। नवरात्रि व्रत के दौरान नमक का कम सेवन करने और भरपूर डायट ना लेने की वजह से इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा गिरने लगती है। इसे संतुलित बनाने के लिए सेंधा नमक का सेवन किया जाता है।