Chaitra Navratri 2019: नवरात्रि के पहले दिन इस मंत्र से करें देवी शैलपुत्री की पूजा, जल्दी मिलेगा योग्य वर

By उस्मान | Published: April 6, 2019 09:41 AM2019-04-06T09:41:48+5:302019-04-06T09:41:48+5:30

Chaitra Navratri 2019: यह पर्व दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है और इस दौरान सभी रूपों की पूजा और व्रत किया जाता है। प्रथम दिन 'मां शैलपुत्री' की पूजा की जाएगी। मां शैलपुत्री का व्रत करने से कुँवारी कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है।

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फोटो- पिक्साबे

उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के मुताबिक इस साल चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल 2019, दिन शनिवार को सूर्य उदय से प्रारम्भ होकर 14 अप्रैल 2019, दिन रविवार को प्रातः 6 बजे तक नवमी तत्पश्चात दशमी तिथि तक चलेंगे। इसी दिन नवरात्रि का शुभ कलश भी स्थापित किया जाएगा। 6 अप्रैल की दोपहर बाद से प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी और द्वितीया तिथि लग जाएगी।

यह पर्व दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है और इस दौरान सभी रूपों की पूजा और व्रत किया जाता है। प्रथम दिन यानी 06 अप्रैल, 2019 को आदि शक्ति के प्रथम स्वरूप 'मां शैलपुत्री' की पूजा की जाएगी। आइए जानते हैं देवी से जुड़ी पौराणिक कथा, पूजा विधि एवं जानें किस मंत्र के जाप से देवी प्रसन्न होती हैं। 

प्रथम देवी शैलपुत्री

नवदुर्गा के नौ स्वरूपों में से प्रथम स्वरूप है देवी शैलपुत्री। इन्हें 'हिमालय की पुत्री' के नाम से भी जाना जाता है. देवी का वाहन वृषभ है, इसलिए इन्हें 'वृषारूढ़ा' के नाम से भी जाना जाता है। इनके एक हाथ में त्रिशूल है और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प सुशोभित है।

देवी शैलपुत्री व्रत कथा

कहते हैं कि एक बार राजा प्रजापति ने यज्ञ आयोजित किया, सभी देवी-देवताओं को उसमें आमंत्रित किया लेकिन भगवान शिव को बुलावा नहीं भेजा। भगवान शिव की पत्नी सती इस यग्य में जानें के लिए व्याकुल हो रही थीं लेकिन शिवजी ने उन्हें समझाया कि उन्हें यज्ञ के लिए आमन्त्रित नहीं किया गया है, ऐसे में उनका वहां जाना सही नहीं है।

किन्तु सती के बहुत आग्रह करने पर भगवान शिव ने उन्हें अकेले ही वहां जाने के लिए कह दिया। वहां पहुंचने पर सती को माहौल कुछ ठीक नहीं लगा। ना माता-पिता ने सही से बात की और बहनों की बातों में भी व्यंग्य और उपहास के भाव थे।

दक्ष ने भगवान शिव के बारे में कटु वचन भी कहे जिससे क्रोधित होकर यज्ञ की अग्नि से ही सती ने खुद को जलाकर भस्म कर लिया। कहा जाता है कि देवी शैलपुत्री के रूप में ही सती को अगले जन्म की प्राप्ती हुई थी। शैलपुत्री भी भगवान शिव की पत्नी थीं। पुराणों में इनका महत्व और शक्ति अनंत है।

देवी शैलपुत्री का व्रत करने के लाभ

- कुँवारी कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है
- वैवाहिक जीवन में सुख आता है
- देवी की अराधना से साधक का मूलाधार चक्र जागृत होता है
- विभिन्न सिद्धियों की भी प्राप्ति होती है

देवी से जुड़ा रंग एवं मंत्र

नवरात्रि के पहले दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें, आदि शक्ति, मां दुर्गा या भगवती की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जप कर उनकी अराधना करें: 

वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌ । 
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ॥

English summary :
This year, Chaitra Navratri will start from suryauday on April 6, 2019, Saturday, and navmai will be on April 14, 2019, day 6 am on Sunday, 9th and then will run till Dashami date. Indian Railways Railways has decided to run cc (Summer Special Trains 2019) for the convenience of travelers during the summer holidays.


Web Title: chaitra navratri 2019 first devi shailputri chalisa, mantra, puja vidhi, vrat shailputri stuti in hindi

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