चैत्र नवरात्रि 2019: 'घोड़े' पर सवार होकर आएंगी मां, इन लोगों को मिलेगा लाभ, जानिए नवरात्रि में देवी के वाहन का अर्थ
By गुलनीत कौर | Updated: March 26, 2019 10:00 IST2019-03-26T10:00:48+5:302019-03-26T10:00:48+5:30
धर्म शास्त्रों के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि का पर्व आता है, किन्तु इनमें से दो नवरात्रि - चैत्र और आषाढ़ ही लोगों के बीच लोकप्रिय है। पुराणों के अनुसार चैत्र नवरात्रों का समय बहुत ही भाग्यशाली बताया गया है। इसका एक कारण यह भी है कि प्रकृति में इस समय हर और नये जीवन का, एक नई उम्मीद का बीज अंकुरित होने लगता है। जनमानस में भी एक नई उर्जा का संचार हो रहा होता है।

Chaitra Navratri 2019
हिन्दू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता की एक सवारी (वाहन) है। हर देवी-देवता से जुड़े वाहन का महत्व एवं उसके पीछे एक अर्थ भी छिपा है। मां भगवती की सवारी शेर (बाघ) है। हर देवी मंदिर में आप ने मां अम्बे/दुर्गा को शेर की सवारी करते हुए ही पाएंगे। किन्तु नवरात्रि पर्व की बात करें तो इस दौरान अपने भक्तों को दर्शन के लिए देवी अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं।
घोड़े पर आएंगी मां भगवती
चैत्र नवरात्रि 2019 के पावन पर्व के लिए मां भगवती 'घोड़े' की सवारी करके आएंगी। चैत्र नवरात्रि जो कि इस वर्ष 6 अप्रैल 2019, दिन शनिवार से प्रारम्भ होकर 14 अप्रैल 2019, दिन रविवार तक चलेंगे, उस दौरान पृथ्वी पर अपने भैतों को दर्शन के लिए मां भगवती घोड़े पर सवार होकर आएंगी।
हाथी पर होंगी विदा
अब जिस प्रकार से देवी के पृथ्वी आने का वाहन दिन-वार के हिसाब से तय किया जाता है, ठीक उसी प्रकार से कैलाश की ओर प्रस्थान करते समय देवी किस वाहन की सवारी करेंगी, यह भी दिन के बाधार पर हे निश्चित किया जाता है। तो इस हिसाब से 14 अप्रैल, दिन रविवार को चैत्र नवरात्रि 2019 की समाप्ति पर कैलाश पर्वत लौटते समय देवी 'हाथी' की सवारी करते हुए पृथ्वी से विदा लेंगी।
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दिन के हिसाब से मां भगवती का वाहन:
धर्म ग्रंथो में कहा गया है - 'शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता', इस कथन में कलश स्थापन के प्रथम दिन के हिसाब से ही देवी के वाहन का पता लगाया जाता है। वे क्या दिन हैं, आगे जानें:
सोमवार - हाथी
मंगलवार - घोड़ा
बुधवार - नाव
गुरूवार - डोली
शुक्रवार - डोली
शनिवार - घोड़ा
रविवार - हाथी
'घोड़ा' वाहन का ज्योतिषीय अर्थ:
नवरात्रि का विशेष नक्षत्रों एवं योगों के साथ आना मनुष्य जीवन पर खास प्रभाव डालता है। ठीक इसी प्रकार कलश स्थापन के दिन देवी किस वाहन पर विराजित होकर पृथ्वी लोक की तरफ आ रही हैं, इसका भी मानव जीवन पर विशेष असर होता है। इस वर्ष देवी घोड़े पर आ रही हैं जो कि युद्ध का प्रतीक होता है। इससे शासन और सत्ता पर बुरा असर होता है। सरकार को विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
किन्तु जिन लोगों पर देवी की विशेष कृपा होगी उनके अपने जीवन में घोड़े की रफ़्तार के सामान ही सफलता की प्राप्ति होगी। इसलिए नवरात्रि के दौरान पूरे मन से देवी की अराधना करें, व्रत करें एवं उन्हें प्रसन्न करने की हर संभव कोशिश करें।

