अमरनाथ यात्रा: अमरनाथ की गुफा कितनी पुरानी है और किसने की इसकी खोज, जानिए
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 27, 2019 09:50 AM2019-06-27T09:50:28+5:302019-06-27T09:50:28+5:30
अमरनाथ की पवित्र गुफा कितनी पुरानी है, इस बारे में जानकारी को लेकर कोई भी ठोस आधार मौजूद नहीं है। हालांकि, मान्यताओं के मुताबिक यह 5000 साल से भी पुराना है।
अमरनाथ गुफा की यात्रा इस साल 1 जुलाई से शुरू होने जा रही है। करीब डेढ़ महीने तक चलने वाले इस यात्रा के दौरान हजारो लोग पवित्र गुफा और वहां प्राकृतिक तौर पर बर्फ से बनने वाले शिवलिंग के दर्शन करेंगे। इस बार अमरनाथ यात्रा 46 दिनों तक चलेगी और इसका समापन 15 अगस्त को रक्षा बंधन के त्योहार के दिन होगा।
अमरनाथ की इस गुफा की चर्चा पूरी दुनिया में होती है। इसका सबसे बड़ा कारण यहां प्राकृतिक तौर पर हर साल बर्फ से शिवलिंग का बन जाना है, लेकिन क्या आप जानते हैं अमरनाथ गुफा कितनी पुरानी है और कैसे यह दुनिया के सामने आई? आखिर किसने पवित्र अमरनाथ गुफा की खोज की? साथ ही जानिए कि अमरनाथ गुफा कहां स्थित है।
Amarnath Yatra: अमरनाथ गुफा कहां है?
अमरनाथ गुफा श्रीनगर से करीब 145 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। यह गुफा हिमालय की बर्फीली घाटियों में करीब 4,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस गुफा की ऊंचाई करीब 150 फीट और लंबाई 90 फीट है। यहां हर साल प्राकृतिक रूप से शिवलिंग का निर्माण होता है और यही भक्तों के लिए सबसे बड़े कौतूहल का विषय होता है।
सबसे बड़ी आकृति वाले शिवलिंग को भगवान शिव माना जाता है। इसके बाएं ओर बनी आकृति को भगवान गणेश और दाएं ओर बनी आकृति को माता पार्वती का रूप माना जाता है। साथ ही एक और बर्फ की आकृति भी है, जिसे काल भैरव के रूप में पूजा जाता है।
अमरनाथ गुफा कितनी पुरानी है?
अमरनाथ की पवित्र गुफा कितनी पुरानी है, इस बारे में जानकारी को लेकर कोई भी ठोस आधार मौजूद नहीं है। हालांकि, मान्यताओं के मुताबिक यह गुफा 5000 साल से भी पुरानी है और इसका वर्णन प्राचीन हिंदू ग्रंथों और पुराणों में भी है। ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती के बार-बार अनुरोध के बाद यहीं भगवान शिव ने उन्हें अमरत्व की कहानी सुनाई थी। हालांकि, माता पार्वती इसे पूरा नहीं सुन पाईं और बीच में ही सो गईं। अमरत्व की कहानी से जुड़ाव के कारण ही इसे अमरनाथ गुफा कहा गया।
अमरनाथ गुफा की खोज किसने की?
अमरनाथ गुफा की खोज की कहानी बेहद दिलचस्प है। कहा जाता है कि 1850 में एक कश्मीरी मुस्लिम गरड़िया बूटा मलिक ने इसकी खोज की। प्रचलित कथा के अनुसार वह इस इलाके में अपनी बकरियां चराने ले गया था। वहीं उसे एक साधु मिले जिन्होंने उसे आग तापने के लिए कोयले वाली अंगीठी दी।
बूटा मलिक जब घर पहुंचा तो उसने देखा कि कोयला सोना बन चुका था। यह देख बूटा मलिक हैरान रह गया और खुश होकर साधू को धन्यवाद देने उसी जगह पहुंचा। मलिक को वहां पहुंचने पर एक गुफा मिली। गांव वालों को जब इस बारे में पता चला तो वे भी उस जगह को देखकर हैरान रह गये। इसके बाद से यहां भगवान शिव की पूजा शुरू हो गई।
अमरनाथ गुफा की खोज से जुड़ी एक और कहानी भी है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार हजारों साल पहले कश्मीर घाटी पानी में था। यहां एक बड़ी झील हुआ करती थी। कश्यप ऋषि ने कई नदियां बनाकर इस घाटी से पानी के निकलने का रास्ता बनाया। उन्हीं दिनों में भृगु ऋषि यहां आए और कहा जाता है कि उन्होंने ही सबसे पहले इस पवित्र गुफा के दर्शन किये।