Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है। अमरनाथ यात्रा श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। श्रद्धा और आस्था में अब स्वच्छता भी जुड़ गया है। अब श्रद्धालु एक नया मंत्र गुनगुना रहे हैं। बोल बम, पर्यावरण को कचरा मुक्त रखेंगे हम। इस पवित्र यात्रा में पर्यावरण और स्वच्छता को जोड़ा है इंदौर के स्टार्टअप स्वाहा ने।
जीरो लैंड फील (कचरा मुक्त ) यात्रा की सोच को हकीकत में बदल रहा है स्वाहा। स्वाहा पिछले चार वर्षों से अमरनाथ यात्रा मार्ग को कचरा मुक्त बना रहा है। जम्मू कश्मीर के डायरेक्टरेट ऑफ रूरल सैनिटेशन द्वारा यह कार्य स्वाहा को सौंपा गया है ! इस बार यात्रा मार्ग में करीब 550 टन कचरा निकलने का अनुमान है।
आरडीडी और पंचायती राज के सेक्रेटरी आईएएस श्री एजाज असद और डायरेक्टरेट ऑफ़ रूरल सनिटेशन की डीजी श्रीमती अनू मल्होत्रा ने बताया किपिछली कई यात्राओं से यात्री बड़ी संख्या में पहाड़ियों पर टनों से कचरा छोड़ते आ रहे थे।
पिछले चार साल में इस तस्वीर को बदला है। अब यात्रा के बाद पूरा अमरनाथ यात्रा मार्ग कचरा मुक्त दिखता है। इंदौर के स्टॉर्टअप स्वाहा टीम ने इस काम को किया है। अब यात्रा मार्ग की पहाड़ियां और नदिया प्लास्टिक और गंदगी के मुक्त है।
स्वाहा के सह संस्थापक समीर शर्मा ने बताया कि ये लगातार चौथा वर्ष है जब पहाड़ों और घाटियों की सफाई के लिए जम्मू और कश्मीर के युवाओं साथ मिलकर इस मिशन को सफल बनाने के संकल्प पर स्वाहा जुटा हुआ है। इस अभियान का लक्ष्य है शून्य अपशिष्ट यात्रा।
यानि यात्रा के बाद कोई अपशिष्ट बचा न दिखे। स्वाहा के संस्थापकों में दो आईआईटीयन है ज्वलंत शाह और रोहित अग्रवाल। रोहित ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती लंगरों से निकलने वाले फ़ूड वेस्ट की थी। लंगर वाले अपने यहाँ निकला जूठन और दूसरे कचरे को या तो पहाड़ी में डाल देते थे या नदी में प्रवाहित कर देते थे।
इससे निपटने के लिए लंगरों को स्वाहा कि टीम प्रशिक्षण दे रही है कि कचरे को सेग्रीगेट करें ताकि उसकी खाद बनाई जा सके। स्वाहा मिक्स कचरे का कलेक्शन नहीं करेगी। इससे सोर्स से ही गीला और सूखा कचरा अलग किया जा रहा है।
ज्वलंत ने बताया कि आने वाले यात्रियों को जागरूक किया जा रहा है। यात्रा में निःशुल्क कपड़ों के थैलों को बेस कैंप से गुफा तक बांटा जा रहा है। इससे सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कम से कम रहे।