Akshaya Tritiya 2022: अक्षय तृतीया के दिन भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां, वरना धन प्राप्ति में होगी बाधा
By रुस्तम राणा | Published: April 28, 2022 02:14 PM2022-04-28T14:14:19+5:302022-04-28T14:14:19+5:30
अक्षय तृतीया को हिन्दू शास्त्रों में अबूझ मुहूर्त कहा जाता है अर्थात अक्षय तृतीया के दिन शादी-विवाह, गृह प्रवेश, घर, स्वर्ण-आभूषण खरीदना बेहद शुभ होता है।
Akshaya Tritiya 2022 Niyam: इस साल अक्षय तृतीया पर्व 3 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है। हिन्दू शास्त्रों में अबूझ मुहूर्त कहा जाता है अर्थात अक्षय तृतीया के दिन शादी-विवाह, गृह प्रवेश, घर, स्वर्ण-आभूषण खरीदना बेहद शुभ होता है। इस दिन दान-पुण्य करने का महत्व है। परंतु अक्षय तृतीया के दिन कुछ विशेष काम को नहीं करना चाहिए। इससे धन की देवी मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के दिन कौन-कौन से कार्य वर्जित माने जाते हैं -
1. अक्षय तृतीया के दिन भूलकर भी बिना नहाए, तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए। दरअसल, इस दिन तुलसी के पत्ते को भगवान विष्णु पर चढ़ाया जाता है। ऐसे में स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है अन्यथा धन की देवी लक्ष्मी जी नाराज हो सकती हैं।
2. ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन घर पर खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए। इस दिन सोने अथवा चांदी के आभूषण अवश्य ही खरीदकर घर ले जाना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं भी कर पा रहे हैं तो धातु से बनी कोई भी छोटी-मोटी वस्तु खरीदकर घर अवश्य लें जाएं।
3. ऐसा ध्यान में आता है कुछ लोग अक्षय तृतीया के दिन केवल मां लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं, तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। मां लक्ष्मी जी के साथ भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करें। तभी आपकी पूजा पूर्ण मानी जाएगी।
4. अक्षय तृतीया के दिन बिना स्नान करे घर की तिजोरी की साफ-सफाई न करें, यहां भी स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें। इसके अलावा इस दिन घर के मुख्य द्वार पर तेल या घी के दीये अवश्य जलाएं। साथ ही घर के जिस कोने में अंधेरा रहता है वहां भी दीया जलाएं।
5. अक्षय तृतीया के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। इसके साथ ही इस दिन तामसिक खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। खाने में लहसुन प्याज का इस्तेमाल न करें। केवल सात्विक आहार ग्रहण करें। किसी प्रति मन में बुरे ख्याल न लाएं और न ही क्रोध करें।
नोट: यह आलेख मान्यताओं पर आधारित है। लोकमत हिंदी इसमें दिए गए तथ्यों की पुष्टि नहीं करता है।