Adhik Maas Amavasya 2023: बेहद खास है अधिकमास की अमावस्या, जानें सही डेट और पूजन विधि

By अंजली चौहान | Published: August 15, 2023 06:04 PM2023-08-15T18:04:20+5:302023-08-15T18:08:49+5:30

अधिकमास की अमावस्या 16 अगस्त को पड़ने वाली है। इस दिन पूजा-पाठ करने का खास महत्व है।

Adhik Maas Amavasya 2023 Adhik Maas Amavasya is very special know the exact date and method of worship | Adhik Maas Amavasya 2023: बेहद खास है अधिकमास की अमावस्या, जानें सही डेट और पूजन विधि

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

Highlightsअधिकमास 16 अगस्त को समाप्त होने वाला है 16 अगस्त को अमावस्या पड़ रही है अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना शुभ होता है

Adhik Maas Amavasya 2023: अधिकमास या पुरुषोत्तम मास में पड़ने वाली अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, अधिकमास की अमावस्या के दिन पूर्वज धरती पर आते हैं।  

इस विशेष दिन पर लोग धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियाँ करते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार अधिक मास में अधिक मास अमावस्या 16 अगस्त 2023 को मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में अमावस्या को बहुत महत्व दिया जाता है और इस दिन पवित्र नदी में नहाना और दान करना शुभ माना जाता है। 

अधिकमास अमावस्या का शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की कृष्ण पक्ष तिथि को अमावस्या पड़ रही है। इस साल अमावस्या तिथि का प्रारंभ 15 अगस्त 2023 को रात 12:42 होगा। वहीं, इसका समापन 16 अगस्त बुधवार को दोपहर 03:07 बजे होगा।

अमावस्या का महत्व 

अधिक मास के दौरान आने वाली इस अमावस्या का बहुत महत्व है। अमावस्या तिथि पितरों की पूजा के लिए समर्पित है। अधिकांश लोग अपने पितरों की शांति के लिए इस शुभ दिन पर पितृ तर्पण और पितृ पूजा करते हैं।

ऐसा माना जाता है कि जो लोग पितृ दोष से पीड़ित हैं, उन्हें पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए इस शुभ दिन पर पितृ पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस शुभ दिन पर, लोग पिछले सभी बुरे कर्मों से छुटकारा पाने के लिए गंगा नदी में पवित्र स्नान करते हैं।

यह दिन दान-पुण्य के लिए बेहद शुभ माना जाता है। कुछ लोग इस दिन गरीबों को खाना खिलाते हैं। लोग एक समय का भोजन करते हैं और वह भी सभी पूजा अनुष्ठान करने के बाद। 

अधिकमास की अमावस्या को ऐसे करें पूजा-अर्चना 

1- इस दिन प्रात: काल सुबह जल्दी उठें। 

2- किसी पवित्र नदी में स्नान करें और अगर ये संभव न हो तो घर में ही पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें। 

3- साफ वस्त्रों को धारण कर, पूजा की पूरी तैयारी कर लें।

4- घर में पितृ की पूजा पूरे नियम के साथ करें।

5- पितृों की पूजा के लिए विशेषतौर पर भोजन बनाकर ब्राह्मणों को अर्पित किया जाता है।

6- हवन, यज्ञ और भोज कराना अत्यंत शुभ होता है तो संभव हो कि आप किसी पंडित से हवन जरूर कराएं।

7- लोगों को ब्राह्मण या पुजारी को भोजन, कपड़े और दक्षिणा दान करनी चाहिए। 

8- इस विशेष दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है।

अमावस्या के दिन इन चीजों को करने से बचें

हिंदू धर्म में अमावस्या के दिन कुछ चीजों को करना वर्जित माना जाता है। जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है।  जो व्यक्ति सनातन धर्म को मानता है उसके लिए इससे जुड़े नियमों को मानना भी जरूरी है। 

1- इस दिन नए कपड़े और जूते न खरीदें।

2- इस दिन लोगों को कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। 

3- इस शुभ दिन पर शराब का सेवन न करें। 

4- जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान करें। 

5- अमावस्या के दिन तामसिक भोजन न करें जैसे कि मास-मछली इत्यादि।

6- लोगों को मंत्रों का जाप करने और धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां करने की सलाह दी जाती है।

7- रामायण और भगवद गीता जैसी पवित्र पुस्तक पढ़ना अत्यधिक फायदेमंद माना जाता है। 

(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)

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