किसी भी रिश्ते में आप अपने साथी से वादा करते हैं और रिश्ते निभाने के लिए उसे अपना कमिटमेंट देते हैं। अक्सर लोगों को प्रॉमिस और कमिटमेंट एक ही शब्द लगते हैं मगर ऐसा बिल्कुल नहीं है। दरअसल प्रॉमिस और कमिटमेंट में बेहद बारीक सा अंतर होता है लेकिन ये अंतर इतना होता है कि आपके रिश्ते को खत्म करने की ताकत भी रखता है।
वैलेंटाइन वीक में आज प्रॉमिस डे के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं प्रॉमिस और कमिटमेंट के बीच का यही अंतर जो आपको जरूर जानना चाहिए। इसे जानकर आप अपने रिश्ते में अपना सौ प्रतिशत देंगे साथ ही आपका रिश्ता और भी मजबूत बनता चला जाएगा।
क्या कहती है डिक्शनरी
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार प्रॉमिस या वादा वो ‘घोषणा या आश्वासन है जो कोई आपको देता है कि वो कुछ करेगा या कुछ पर्टिकल चीज होगी' वहीं कमिटमेंट की बात करें तो इसका मतलब होता है किसी कारण या किसी गतिविधि के लिए पूरी तरह से समर्पित होना।
वहीं वादा या प्रॉमिस आज कल काफी कॉमन शब्द हो गया है। हम किसी भी रिश्ते में या किसी भी काम के लिए वादा कर देते हैं। इसे एक उदाहरण के साथ समझते हैं। जैसे किसी ने कहां- मैं वादा करता हूं एक दिन मेरे घर वाले मुझपर गर्व करेंगे। इस स्टेटमेंट को डिक्लेरिटिव स्टेटमेंट के तौर पर ले सकते हैं।
वहीं कमिटमेंट के लिए, अगर कोई कहता है- मैं कमिट करता हूं कि मैं अपना काम समय पर निपटा लूंगा। इस लाइन को डिवोशन की कैटिगरी में रख सकते हैं। जिससे पता चलता है कि वो इसके लिए मेहनत करेगा।
प्रॉमिस और रिलेशनशिप के बीच रिश्ता समझने के लिए आपको ये जानना जरूरी है प्रॉमिस तभी पूरा हो सकता है जब आप उसके लिए कमिट करें। यानी आप किसी से किया हुआ वादा तभी निभा पाएंगे जब आप उसके लिए काम करें या कुछ मेहनत करें।
वहीं कई बार ऐसा भी होता है कि किया हुआ वादा लोग भूल जाते हैं मगर कमिटमेंट शब्द उनके लिए होता है जो डेडिकेशन के साथ परिणाम तक पहुंचने की कोशिश भी करते हैं।