सिंगल पैरेंट हैं तो जरूर फॉलो करें ये 7 गोल्डन रूल्स, जिंदगी हो जाएगी आसान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 4, 2020 10:31 AM2020-02-04T10:31:38+5:302020-02-04T10:31:38+5:30

रिश्तों को लेकर धीरे-धीरे समाज ओपेन हो रहा है। अब किसी भी कमजोर रिश्ते की डोर थामने से बेहतर लोग खुद को उस धागे से अलग कर लेते हैं। अगर इस रिश्ते में बच्चे इन्वॉल्व हों तो अकेले पैरेंन्ट्स को इसकी जिम्मेदारी संभालनी पड़ती है।

Tips for raising a child alone in hindi, if you are Single parent how to deal with your kids | सिंगल पैरेंट हैं तो जरूर फॉलो करें ये 7 गोल्डन रूल्स, जिंदगी हो जाएगी आसान

सिंगल पैरेंट हैं तो जरूर फॉलो करें ये 7 गोल्डन रूल्स, जिंदगी हो जाएगी आसान

Highlightsआपका बच्चा आपसे रोज एक ही सवाल करता है तो बार-बार उसे टालने के बजाए उसे जवाब दें। बच्चों को रोजाना रूटीन सिखाने से पहले खुद रूटीन फॉलो करने की आदत डालें।

अक्सर लोग कहते हैं कि बच्चे के विकास के लिए माता-पिता दोनों का होना जरूरी है ये सच भी है, लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि कोई भी सिंगल पैरेंट्स अपने बच्चों की परवरिश ठीक से नहीं कर सकते। सिंगल पैरेंट्स कुछ चीजों पर ध्यान दें और कुछ रूल्स मानें तो आपकी जिंदगी ना सिर्फ आसान हो जाएगी बल्कि आपके बच्चे को भी अच्छी परवरिश मिलेगी। 

रिश्तों को लेकर धीरे-धीरे समाज ओपेन हो रहा है। अब किसी भी कमजोर रिश्ते की डोर थामने से बेहतर लोग खुद को उस धागे से अलग कर लेते हैं। अगर इस रिश्ते में बच्चे इन्वॉल्व हों तो अकेले पैरेंन्ट्स को इसकी जिम्मेदारी संभालनी पड़ती है। आइए आपको आज बताते हैं सिंगल पैरेंटिंग के वो रूल्स जो आपकी जिंदगी आसान कर देगी।

1. खुद को भी ना करें नजरअंदाज

जिस समय आप सिंगल पैरेन्ट बनते हैं खुद के, बच्चे के और समाज के विचार आप पर हावी हो जाते हैं। ऐसे में आप अगर खुद पर ध्यान नहीं देंगे तो टूट जाएंगे। इसलिए अपने बच्चे के पालन-पोषण के साथ खुद पर भी  ध्यान दें। आप जब खुद अच्छे रहेंगे तो आपके बच्चे पर भी ठीक से ध्यान दे पाएंगे।

2. बनाएं रखें कॉन्टैक्ट्स

सिंगल पैरेन्ट होने के नाते बहुत सारी बातें ऐसी होंगी जो आपको पहली बार पता चलेगी। इसलिए अपने जानने वाले सिंगल पैरेन्ट्स के संपर्क में जरूर रहें। अपनी समस्या का समाधान उनसे मांगे। हो सकता है वो आपको कुछ ऐसी चीजें बता दें जिससे आपकी लाइफ आसान हो जाए।

3. मदद लेने से ना हिचकिचाएं

आप सुपरहीरो नहीं हैं कि सारा काम खुद ही कर लेंगे। इसलिए कभी भी किसी बाहरी मदद को ना न कहें। अपने ईश्यूज और ईगो को साइड करके इस बात को समझें कि आप अकेले हैं अगर किसी की मदद चाहिए हो तो जरूर लें।

4. इमर्जेंसी की योजना पहले से

जिस तरह आप अपने बजट की प्लानिंग पहले से करके चलती हैं उसी तरह अपने इमर्जेंसी के टाइम के लिए भी कुछ प्लानिंग जरूर करें। पैसों के साथ ऐसे लोगों की लिस्ट भी अपने दिमाग में बनाएं जो इमर्जेंसी के समय आपके साथ खड़े हों। वो आपके  दोस्त, रिश्तेदार, परिचय वाले कोई भी हो सकते हैं।

5. रूटीन पर दें ध्यान

बच्चों को रोजाना रूटीन सिखाने से पहले खुद रूटीन फॉलो करने की आदत डालें। दोहरी जिम्मेदारी निभाने के लिए जरूरी है कि आप खुद को नियमित रखें। इससे आपको किसी नई मुसीबत को झेलना नहीं पड़ेगा। आपका रूटीन आपको आत्मनिर्भर भी बनाएगा।

6. बच्चे को जवाब दें

आपका बच्चा आपसे रोज एक ही सवाल करता है तो बार-बार उसे टालने के बजाए उसे जवाब दें। पापा या मम्मी साथ क्यों नहीं रहते? जैसे सवाल जब-जब सामने आएंगे आपको भी दुख दे जाएंगे इसलिए बच्चे को सच्चाई से रूबरू जरूर कराएं। 

7. बच्चे को बच्चों की तरह ट्रीट करें

ये गलती हम अक्सर करते हैं कि सिंगल होने के बाद अपने बच्चे को बड़ा समझने लगते हैं। आपका यही स्वभाव बच्चे को चिड़चिड़ा और जिद्दी बनाता है। इसलिए अपने बच्चे को उसके बचपने से दूर मत कीजिए। उसे बच्चा ही समझिए और उसकी भावानाओं पर कभी रोक मत लगाइए।

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