तो इसलिए पिता सैफ को छोड़ मां अमृता के साथ रहती हैं सारा अली खान, हर पेरेंट्स को लेना चाहिए ये सीख
By मेघना वर्मा | Published: July 24, 2020 09:02 AM2020-07-24T09:02:41+5:302020-07-24T09:02:41+5:30
सारा अली खान अक्सर अपनी और अपनी मां अमृता सिंह के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करती हैं।
बॉलीवुड की खूबसूरत एक्ट्रेस सारा अली खान अपने हम्बल नेचर और दमदार एक्टिंग के लिए जानी जाती हैं। सारा अली खान ने अपनी पहली फिल्म से ही लोगों के दिलों में जगह बना ली थी। सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान अपनी मां और भाई के साथ रहती हैं। सौतेली मां करीना कपूर के साथ उनके रिश्ते को लेकर भी बी टाउन में बात चलती है।
बहुत से लोगों ने सारा से ये भी सवाल किया कि वो अपने माता-पिता में से मां अमृता के साथ ही क्यों रहती हैं। इस सवालों का जवाब देते हुए अपनी बात कही। एनबीटी की खबर के अनुसार सारा अली खान ने बताया कि उनकी मां ने बचपन से उन्हें पाला है। भाई इब्राहिम के होनो के बाद अमृता, बच्चों को पूरा समय दिया है।
सारा अली खान ने कहा कि उनकी परवरिश के लिए अमृता सिंह ने अपने करियर को भी छोड़ दिया और जिस घर में माता-पिता एक साथ खुश नहीं है उस घर में वो नहीं रह सकती थीं। सारा अली खान ऐसी पहली एक्ट्रेस नहीं है जिन्हें अपने मां-बाप के बीच में चुनाव करना पड़ रहा हो। मगर हर शादीशुदा दंपति को इस चीज से सबक लेनी चाहिए।
मुश्किल भरा है वक्त
जरूरी नहीं कि हर शादी हर बार अच्छी तरह से ही चले मगर यदि आप पार्टनर से अलग भी हो रहे हैं तो ये जरूरी है कि आप अलग-अलग रहते हुए भी अपने पैरेंट होने की जिम्मेदारी को अच्छी तरह निभाएं। मां-बाप के अलग होने से बच्चों के दिमाग पर सीधा असर पड़ता है इसलिए अपने साथ-साथ बच्चों को भी इस मुश्किल के दौर में सहारा दें।
दें बेहतर भविष्य
जो माता-पिता अलगाव चाहते हैं उन्हें अलग होने के बाद भी इस बात पर बात करनी चाहिए कि उनके बच्चे का भविष्य कैसा हो। आप दोनों चाहें तो दूर रहकर भी बच्चे को ऐसी परवरिश दे सकते हैं जिससे बच्चा सीखे और उसका आने वाला कल बेहतर हो सके।
बने एक अच्छे दोस्त
ये बड़ा मुश्किल का दौर होता है जब माता पिता अलग हो रहे होते हैं। बच्चों की मनोस्थिति पर भी इसका गहरा असर पड़ता है। ऐसे मामले में अक्सर अनुशासन कम हो जाता है और जीने का ढंग बदल जाता है। ऐसे में मां-पिता को चाहिए कि एक अच्छे दोस्त की तरह वो अपने बच्चों का पालन पोषण करें।
अभिवावक की दृष्टी हमेशा रहे बच्चों पर
अलग हो रहे मां-बाप के बच्चे अक्सर ट्रोमा से गुजरते हैं। छोटी-छोटी बातों पर दुखी हो जाते हैं। शायद इसीलिए इन बच्चों की संगत बुरी हो जाती है या ये किसी भी तरह के गलत काम में भी फंस जाते हैं। ऐसे में हर माता-पिता को अलग रहते हुए भी एक अभिभावक की दृष्टी हमेशा बच्चे पर बनाई रखनी चाहिए। उनसे हर विषय पर खुलकर बात करनी चाहिए।