International Family Day 2020: 39 पत्नियां, 94 बच्चे, पूरे घर में हैं 181 सदस्य, ये है दुनिया का सबसे अनोखा परिवार
By प्रिया कुमारी | Updated: May 15, 2020 13:32 IST2020-05-15T13:32:44+5:302020-05-15T13:32:44+5:30
कहा जाता है कि परिवार से बड़ा कोई धन नहीं होता है, पिता से बड़ा कोई सलाहकार नहीं होता है। मां के आंचल से बड़ी कोई दुनिया नहीं, भाई से अच्छा कोई भागीदार नहीं, बहन से बड़ा कोई शुभचिंतक नहीं। इसलिये परिवार के बिना जीवन की कल्पना करना कठिन है।

ये है दुनिया का सबसे अनोखा परिवार (photo-social media)
कहा जाता है कि परिवार से बड़ा कोई धन नहीं होता है, पिता से बड़ा कोई सलाहकार नहीं होता है। मां के आंचल से बड़ी कोई दुनिया नहीं, भाई से अच्छा कोई भागीदार नहीं, बहन से बड़ा कोई शुभचिंतक नहीं। इसलिये परिवार के बिना जीवन की कल्पना करना कठिन है।मुसीबत जैसी भी हो अगर आपका परिवार आपके साथ है तो हर तरह की मुसीबत से आपको छुटकारा मिल सकता है। इसी संयुक्त परिवार के प्रति लोगों को जागरुक करने और इसका महत्व बताने के लिए हर साल 15 मई यानी आज के दिन अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाता है। मदर्स डे के बाद ये खास मौका होता है परिवार के साथ समय बिताने का।
पूरी दुनिया में इस दिन को खास तरह से मनाया जाता है। परिवार वाले साथ मिलकर इसे सेलिब्रेट करते हैं। वहीं संयुक्त परिवार के मामले में भारत किसी भी देश से पीछे नहीं है। भारत में ऐसे कई परिवार हैं जहां सदियों से संयुक्त होकर परिवार वाले रहते आ रहे हैं। भारत में एक परिवार में कहीं 6 से 7 लोग होते हैं तो कही 10 से 12 लोग भारत में तरह-तरह के परिवार आपको देखने को मिल जाएंगे। भारत के मिजोरम में तो एक ऐसा परिवार है जिसकी संयुक्त रहने की ही विशेषता के कारण वो पूरी दुनिया में जाना जाता है।
मिला है दुनिया के सबसे बड़े परिवार का खिताब
भारत के मिजोरम में दुनिया के सबसे बड़ा परिवार रहता है। इस परिवार के सदस्यों की संख्या 181 है। जो 100 कमरों के एक घर में एक साथ रहते हैं। इस परिवार के मुखिया हैं जिओना चाना जिनकी 39 पत्नियां, 94 बच्चे, 14 बहुएं, 33 पोते-पोतियां और एक नन्हा सा परपोता है। जिओना को अपने इस परिवार पर बड़ा गुरूर है। यही नहीं मिजोरम के इस परिवार को दुनिया का सबसे बड़ा परिवार भी कहा जाता है।
रोज लगते हैं 40 किलो दाल और 50 किलो सब्जियां
जिओना के इस घर में रोज एक बारातियों जैसा खाना बनता है। इस परिवार का एक दिन का खाना ही आम घरों के महीने भर के राशन के बराबर होता है। एक दिन के खाने में ही करीब 40 किलो चावल, 40 मुर्गियां, 24 किलो दाल, 50 किलो सब्जियां इस्तेमाल हो जाती हैं। अगर घर में मटन बनाने की इच्छा हो जाए तो एक टाइम के खाने 10 बड़े बकरे तो लग ही जाते हैं। इतने सदस्यों के खाने के लिए घर के डाइनिंग हॉल में 50 टेबल पड़े हैं। इस घर में सबके अपने काम बंटे हुए हैं। खाना बनाने का काम जिओना की पत्नियां का है वहीं घर की बेटियां कोई और काम करती हैं।
परिवार दिवस मनाने की ये है वजह
वर्तमान समय में संयुक्त परिवार तेजी से कम हो रहे हैं। इसी विघटन को कम करने और लोगों को परिवार के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल इंटरनेशनल फैमिली डे मनाया जाता है। एक संयुक्त परिवार से उन्नति के रास्ते खुलते हैं। अकेलेपन से आपकी गति धीमी रह जाती है। फैमिली दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को परिवार के प्रति जागरुक करना है।

