Hate Sex: जिससे नफरत करते हैं आखिर उसी से क्यों संबंध बनाते हैं लोग
By गुलनीत कौर | Published: February 23, 2018 10:29 AM2018-02-23T10:29:18+5:302018-02-23T11:23:35+5:30
हेट सेक्स आज के दौर में काफी बढ़ रहा है। ऐसे कई मामले सामने आते हैं जब लोग साधारण यौन संबंध की बजाय कुछ अलग तरह के संबंधों में जुट जाते हैं।
धीरे-धीरे करीब जाना, प्यार से किस करना, पार्टनर को टच करना और फिर आहिस्ता-आहिस्ता सेक्स की उस स्टेज पर पहुंचना जिसमें दोनों को संतुष्टी मिलती है। यौन संबंध के माध्यम से दो पार्टनर एक दूसरे के प्रति अपने प्यार को व्यक्त करते हैं। लेकिन जरा सोचिये कि शारीरिक संबंध बनाते समय पार्टनर के बाल खींचना, थप्पड़ लगाना, दर्द देना, और इस सब में भी अच्छा महसूस करना, क्या यह संभव है?
आप सोच रहे होंगे कि हो ना हो ऐसे पार्टनर किसी मानसिक रोग से पीड़ित होंगे, या फिर दोनों में से कोई एक दूसरे पर जबर्दस्ती कर रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है। जब दो लोग एक दूसरे पर अपनी नफरत निकालने के लिए, गुस्सा निकालने के लिए सेक्स करते हैं तो उसे 'हेट सेक्स' कहा जाता है। अंग्रेजी का हेट यानी नफरत। ताज्जुब होता है कि आखिर दो लोग जो एक दूसरे को एक सेकंड के लिए भी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं, वे सेक्स कैसे कर सकते हैं?
बहुत वर्षों बाद आप अपने पुराने प्यार से मिले। वह प्यार जिसके साथ एक जमाने में आप सेक्सुअली बहुत कम्फर्टेबल थे, लेकिन कुछ बातों के चलते आप दोनों का ब्रेक-अप हो गया और अब दोनों के बीच कुछ बचा है तो केवल नफरत। इतनी नफरत कि जिसकी कोई सीमा नहीं है। लेकिन इतने समय बाद जब दोनों मिले तो खुद को उसकी ओर शारीरिक रूप से आकर्षित होने से रोक नहीं पाए और जब दोनों के बीच संबंध बने तो वे प्यार से बनने वाले संबंधो से काफी अलग थे।
हेट सेक्स के बारे में पहली बार पढ़ने वालों को ऐसी किसी परिभाषा के वास्तव में होने पर यकीन नहीं होता है। लेकिन मनोविज्ञान के अनुसार ऐसा रिश्ता जरूर है और यह पूरी तरह से दिमाग का खेल है। आपका दिमाग ही आपको इस तरह के रिश्ते को बनाने के लिए मजबूर करता है। आइए जानते हैं किन-किन अवस्थाओं में लोग हेट सेक्स करते हैं।
जब शारीरिक आकर्षण इतना हो कि रोक ना सकें
शारीरिक आकर्षण एक ऐसा कारण है जिसके चलते हेट सेक्स सबसे अधिक किया जाता है। दो लोग जो एक दूसरे को बिलकुल भी पसंद नहीं करते हैं, लेकिन फिर भी शारीरिक रूप से पैदा हो रहे आकर्षण को नजरअंदाज करने में असमर्थ हैं, ऐसे लोग हेट सेक्स को अंजाम देते हैं। वर्ष 2012 में 'दि जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस' में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार हमारा दिमाग हमें कुछ ऐसी तरंगें भेजता है जिसके चलते हम सामने वाले के प्रति अपने अन्दर पनप रहे शारीरिक आकर्षण पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। और जब सामने वाला भी ठीक वैसा ही महसूस करे तो एक ऐसा युज संबंध बनता है जो उन्होंने पहले कभी अनुभव ना किया हो।
भावनाओं का है खेल
यौन संबंध क्यूं बनाया जाता है? इसके पीछे भी तो कोई भावना ही जुड़ी होती है, है ना? इसी तरह से हेट सेक्स के पीछे कई तरह की भावनाएं होती हैं। ये भावनाएं नफरत से लेकर गुस्से, दुःख और हताशा तक, ऐसे किसी भी इमोशन को हेट सेक्स की वजह बताया गया है। वर्ष 2010 में हुई एक स्टडी के मुताबिक बच्चों की सही माहौल में परवरिश ना होना भी हेट सेक्स को बढ़ावा देता है। वे बच्चे जो बचपन से ही भावनाओं के तूफान में रहे हैं, उदास और हताश रहे हैं, उन्हें बड़े होकर अपने अपोजिट सेक्स के प्रति नफरत की भावना हो जाती है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह भावना पुरुषों में अधिक पायी जाती है।
बस उस भावना से मुक्ति पाना चाहते हैं
जब आप इतने गुस्से में हैं, भावनाओं की वह ज्वाला आपके अन्दर भड़क रही है और आप उसे किसी दूसरे पर निकाल देना चाहते हैं तो ऐसे में नार्मल सेक्स से हटकर ही संबंध बनते हैं।
दिमाग पर पड़ता है कैसा असर?
मनोविज्ञान विशेषज्ञ डॉ. अभिनव मोंगा से हेट सेक्स पर बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि हेट सेक्स आज के दौर में काफी बढ़ रहा है। ऐसे कई मामले सामने आते हैं जब लोग साधारण यौन संबंध की बजाय कुछ अलग तरह के संबंधों में जुट जाते हैं। हेट सेक्स करने से पहले लोग यह सोचते हैं कि भावनाओं का जो तूफान उनके अन्दर चल रहा है उससे वे छुटकारा पा लेंगे लेकिन अमूमन लोग इस तरह के संबंध बनाने के बाद पच्तावी की भावना से जूझते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सेक्स एक ऐसी चीज है जिसमें प्यार जुड़ा होता है लेकिन प्यार से उलट अगर नफरत से सेक्स किया जाए तो इसका दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है। एक या दो बार जब इस तरह के संबंध में जुड़ा जाए तो हो सकता है कि बेहतर महसूस हो लेकिन लंबे समय के लिए इसे अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाने वाले लोग आगे चल कर मानसिक तनाव और डिप्रेशन का शिकार भी हो जाते हैं।
फोटो: फ्लिकर