गांधी की 150वीं जयंतीः बापू ने स्वीकार किया- जो लोग मेरे और कस्तूरबा के संपर्क में आए, वे मेरी अपेक्षा बा पर अधिक श्रद्धा रखते

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 1, 2019 03:10 PM2019-10-01T15:10:32+5:302019-10-01T15:10:32+5:30

Gandhi Jayanti 150 Birth Anniversary Special: गांधी जी की 'सत्य के प्रयोग' नाम से आई उनकी आत्मकथा में उन्होंने पत्नी बा के साथ अपने दांपत्य जीवन के कई अनुभवों को साझा किया। हम आज आपको उन्हीं पलो के बारे में अवगत कराने जा रहे हैं।

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Highlightsकस्तूरबा अपने पति महात्मा गांधी से छह महीने बड़ी थींबापू ने शुरुआत में कस्तूरबा को पढ़ाने की कोशिश की

पूरे देशभर में 2 अक्टूबर 2019 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मानायी जाएगी। 2 अक्टूबर को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी को पूरी दुनिया अहिंसा के पुजारी के रूप में पूजा जाता है। महात्मा गांधी सादा-जीवन और उच्च विचारों वाले व्यक्ति थे जिन्हें प्यार से भारतीय लोग बापू बुलाते हैं।

भारत की आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी ने एक नई दिशा दिखाई थी। बापू के अहिंसात्मक आंदोलन पर हर भारतीय को गर्व है। बापू के संघर्षों के बारे में तो सब जानते हैं लेकिन गांधी जी का जीवन अपने आप में प्रेरणादायी रहा।

गांधी जी की 'सत्य के प्रयोग' नाम से आई उनकी आत्मकथा में उन्होंने पत्नी बा के साथ अपने दांपत्य जीवन के कई अनुभवों को साझा किया। हम आज आपको उन्हीं पलो के बारे में अवगत कराने जा रहे हैं।

कस्तूरबा और गांधी जी का एक सफल दांपत्य जीवन रहा। दोनों का ही जन्म एक ही वर्ष 1869 में हुआ था और कस्तूरबा अपने पति महात्मा गांधी से छह महीने बड़ी थीं। कस्तूरबा की परवरिश एक पारंपरिक परिवार में हुई थी, जहां पुरानी मान्यताओं को ज्यादा महत्व दिया जाता था।

इनके परिवार में लड़कियों के स्कूल जाने पर भी पाबंदी थी। यही वजह रही कि बा पढ़ाई लिखाई नहीं कर पाई थीं। सिर्फ 13 साल की उम्र में कस्तूरबा और बापू का विवाह हुआ था।

अंग्रेजी में पढ़ने-लिखने वाले मोहनदास यानी बापू की पत्नी अनपढ़ हो, यह उनको बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता था। इसलिए बापू ने शुरुआत में कस्तूरबा को पढ़ाने की कोशिश की। पढ़ी-लिखी न होने के बावजूद कस्तूरबा गांधी बुद्धिमान महिला थीं। गांधी जी ने भी स्वीकार किया था कि 'जो लोग मेरे और बा के संपर्क में आए,  उनमें अधिक संख्या ऐसे लोगों की है, जो मेरी अपेक्षा बा पर कई गुना अधिक श्रद्धा रखते हैं।'

साल 1886 में मोहनदास बैरिस्टरी की पढ़ाई के लिए कस्तूरबा को छोड़कर विदेश रवाना हुए। कठिन से कठिन परिस्थितियों में कस्तूरबा बाई ने हौसला नहीं छोड़ा और गांधी जी का साथ दिया। इसे देखते हुए मोहनदास की नजर में कस्तूरबा का एक नया ही रूप स्थापित होता गया। 

इसके अलावा, हर शादीशुदा जोड़ों की तरह उनके वैवाहिक जीवन में भी कुछ ऐसे मोड़ आए जब रिश्ते में मनमुटाव पैदा हुए। लेकिन कुछ ऐसे किस्से भी हुए जिससे गांधीजी के व्यवहार में कस्तूरबा के प्रति परिवर्तन हुए। मोहनदास के महात्मा बनने की यात्रा को अगर किसी ने करीब से देखा, तो वह कस्तूरबा गांधी ही थीं।

English summary :
Gandhi Jayanti October 2 150th Birth Anniversary Special: Father of the Nation Mahatma Gandhi birthday will be celebrated across the country. Born on 2 October in Porbandar, Gujarat, Mohandas Karamchand Gandhi is worshiped throughout the world as a priest of non-violence.


Web Title: Gandhi Jayanti 2019 quotes, speech, images gandhi 150 birth anniversary

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