अशोक गहलोत बोले- हिंदू धर्म में हमारी आस्था बीजेपी से ज्यादा, राजस्थान में हिंदुत्व को एजेंडा नहीं बनने देंगे
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 21, 2023 04:39 PM2023-06-21T16:39:58+5:302023-06-21T16:42:39+5:30
इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। कांग्रेस की नजर एक बार फिर से सत्ता में वापसी पर है। दूसरी तरफ भाजपा भी पूरा जोर लगा रही है। विधानसभा चुनावों पर बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में हिंदुत्व को एजेंडा नहीं बनने देंगे।
जयपुर: राजस्थान के मु्ख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि लोग राम मंदिर की राजनीति के लिए हिंदू बने, उन लोगों का हिंदू धर्म से कोई वास्ता नहीं है। अशोक गहलोत जालौर में मीडिया से बात कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा, "गायों का बीमा भी करवा दिया है, इलाज भी मुफ्त है। मनुष्यों के लिए दवा फ्री की तो पशुओं के लिए भी कर दिया। सब काम तो हम लोग कर रहे हैं, लेकिन फिर भी हम गाय माता के नाम पर वोट की बात नहीं करते। ये लोग उसके नाम पर वोट की बात करेंगे, धर्म के नाम पर वोट की बात करेंगे। तो क्या हम लोग हिंदू नहीं हैं क्या, हमारी आस्था उनसे ज्यादा है हिंदू धर्म के अंदर।"
अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी धर्म के नाम पर लोगों को लड़वाने का काम करती है। गहलोत ने कहा, 'हमारी आस्था हिंदू धर्म में उनसे ज्यादा है। कुछ लोग राम मंदिर की राजनीति के लिए हिंदू बने। ऐसे लोगों का हिंदू धर्म से कोई वास्ता नहीं है।'
इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। कांग्रेस की नजर एक बार फिर से सत्ता में वापसी पर है। दूसरी तरफ भाजपा भी पूरा जोर लगा रही है। विधानसभा चुनावों पर बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में हिंदुत्व को एजेंडा नहीं बनने देंगे।
उन्होंने कहा, "राजस्थान में हम उनका अजेंडा नहीं बनने देंगे हिंदुत्व को लेकर। राजस्थन में सभी धर्म जाति मिलकर राजनीति करेंगे। लोकतंत्र को मजबूत करेंगे। वोटों के अधिकारों को सुरक्षित रखेंगे। उनमें कई ऐसे हैं जिनका वास्ता हिंदू धर्म से नहीं है, केवल राम मंदिर के नाम पर राजनीति करने के लिए हिंदू बने। उनके ही लोग हिंदू धर्म को नहीं मानते। फिर भी वो लोग बन गए क्योंकि वोटों की राजनीति करनी थी। अब धीरे-धीरे पोल खुल रही है। महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद और आंबेडकर साहब ने बहुत बड़ा अधिकार पब्लिक को दिया। तब जाकर हम लोग बैठे हैं लोकतंत्र में। लोकतंत्र उतस्व की तरह है। हर गरीब के आगे भी हाथ जोड़ना पड़ता है, आशीर्वाद मांगना पड़ता है।"