सिर्फ एक फोन कॉल और भारत बंद के समर्थन से हट गई शिवसेना, जानें क्या था अमित शाह का मास्टर स्ट्रोक

By पल्लवी कुमारी | Published: September 10, 2018 10:39 AM2018-09-10T10:39:51+5:302018-09-10T10:39:51+5:30

Shiv Sena on 'Bharat Bandh': बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर हमेशा ही नरेन्द्र मोदी सरकार का विरोध करती रही है। लेकिन उन्होंने कांग्रेस द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समर्थन नहीं करने का फैसला किया है।

Why shiv sena not support congress call Bharat Bandh strike | सिर्फ एक फोन कॉल और भारत बंद के समर्थन से हट गई शिवसेना, जानें क्या था अमित शाह का मास्टर स्ट्रोक

सिर्फ एक फोन कॉल और भारत बंद के समर्थन से हट गई शिवसेना, जानें क्या था अमित शाह का मास्टर स्ट्रोक

मुंबई, 10 सितंबर: देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस सहित 20 से ज्यादा विपक्षी दलों ने आज ( 10 सितंबर) को  'भारत बंद' का आवाहन किया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार, द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन और वामपंथी नेताओं ने कांग्रेस की ओर से बुलाए गए भारत बंद का पुरजोर समर्थन किया है। वहीं  तृणमूल कांग्रेस ने इस भारत बंद से दूर रहने का फैसला किया है।  तृणमूल कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी के साथ होकर भी हमेशा उनसे विफर रहने वाली पार्टी शिवसेना ने भी भारत बंद से दूरी से बनाई है। 

आखिर क्यों नहीं किया भारत बंद का समर्थन 

यूं तो  बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर हमेशा ही नरेन्द्र मोदी सरकार का विरोध करती रही है। लेकिन उन्होंने कांग्रेस द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समर्थन नहीं करने का फैसला किया है। पार्टी की ओर से यह फैसला रविवार 9 सितंबर को सुनाया गया। अब यहां सवाल यह उठता है कि आखिर अचानक से ऐसा क्या हुआ कि शिवसेना ने भारत बंद का समर्थन करने का फैसला नहीं लिया। जबकि तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर शिवसेना ने पूरे मुंबई में कई मोदी सरकार विरोधी पोस्टर लगवाए थे। 

अमित शाह का आया फोन कॉल 

मुंबई मिरर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना का भारत बंद को समर्थन का फैसला नहीं करने के पीछे की वजह कोई और नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी( बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक मुंबई मिरर ने लिखा है कि शिवसेना के कई प्रमुख नेताओं ने उद्धव ठाकरे से बंद में शामिल न होने की बात कही थी। लेकिन अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तरफ से फोन कॉल आने के बाद पार्टी ने अपने फैसले में बदवाल किया। हालांकि कांग्रेस और एनसीपी ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन में शामिल होने के लिए शिवसेना से अपील की है।

पार्टी अपने लेवल पर करेगी विरोध  

शिवसेना एक सीनियर लीडर के मुताबिक, अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी फोन कॉल आया था। जिसके बाद पार्टी ने यह फैसला किया कि हम भारत बंद का खुले रूप साथ नहीं देंगे, बल्कि अपनी पार्टी के तौर पर हम तेल की कीमतों के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे। साथ ही नरेन्द्र मोदी सरकार की नीतियो का विरोध भी करेंगे। 

2019 के लिए हो सकता है पैचअप प्लान 

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो शिवसेना का यह कदम 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए पैचअप की तरह देखा जा रहा है। अगर बीजेपी सरकार के खिलाफ शिवसेना इन बंद का खूले रूप से समर्थन करती तो कहीं-न-कहीं इससे बीजेपी को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ती। जिसका कारण बिल्कुल साफ है शिवसेना केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी के साथ गठबंधन में है। बता दें कि ऐसी अटकलें तेज हो रही हैं कि शिवसेना 2019 के चुनाव में बीजेपी के साथ ना हो। लेकिन बीजेपी के लिए ये स्टैंड लेकर फिलहाल शिवसेना ने सारी अटकलों पर विराम लगा दी है। 

English summary :
Opposition parties have called for 'Bharat Bandh' today on September 10 to protest against Modi government on rising Petrol and Diesel rates in India. NCP chief Sharad Pawar, DMK chief MK Stalin and left leaders have strongly supported 'Bharat Bandh' called by the Congress. Mamata Banerjee's Trinamool Congress has decided to stay away from this 'Bharat Bandh'. Shiv Sena has also made distance from the 'Bharat Bandh'.


Web Title: Why shiv sena not support congress call Bharat Bandh strike

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