नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के दौरान सुशांत सिंह राजपूत व बॉलीवुड में इंडस्ट्री के ड्रग कनेक्शन का मामला उठा। सदन में भाजपा सासंद रवि किशन ने बढ़ रहे ड्रग कनेक्शन को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने इसके पीछे पड़ोसी मुल्क का हाथ होने का अंदेशा लगाया। तो इसके बाद बॉलीवुड स्टार व सांसद जया बच्चन ने रवि किशन के आरोप का जवाब देते हुए उनपर जोरदार हमला बोल दिया।
जया बच्चन ने रवि किशन के बारे में कहा कि यह फिल्म इंडस्ट्री की नाम खराब करने की साजिश है। उन्होंने रवि किशन का नाम लिए बिना कहा कि जिस थाली में खाते हैं, उसी थाली में छेद कर देते हैं।
जया के बाद अब संजय राउत ने भी इस मामले में अपना बयान दिया है। राउत ने कहा कि जया बच्चन सही कह रही हैं। जो लोग इंडस्ट्री पर इस तरह के आरोप लगा रहे हैं, उन लोगों के डोप टेस्ट सबसे पहले होने चाहिए। राउत ने कहा कि कंगना रनौत आदित्य ठाकरे पर आरोप लगा रही हैं, उन्हें गृह मंत्रालय को अपने सबूत सौंपने चाहिए।
कंगना रनौत ने जया बच्चन को दिया ये जवाब-
कंगना रनौत ने जया बच्चन को जवाब देते हुए अपने ट्वीट में लिखा है - जया जी क्या आप तब भी यही करतीं, अगर मेरी जगह आपकी बेटी श्वेता बच्चन को टीन एज में मारा पीटा जाता, और ड्रग्स देकर मोलेस्ट किया जाता। क्या आप तब भी यही कहतीं अगर मेरी जगह अभिषेक बच्चन लगातार कुछ लोगों की साजिश और उत्पीड़न का शिकार होते और एक दिन अपने घर में लटके मिलते? इसके साथ ही हाथ जोड़ने वाला सिंबल बनाकर कंगना ने लिखा कि थोड़ी सहानुभूति और थोड़ा सपोर्ट हमें भी दीजिए।
रवि किशन पर जया बच्चन का निशाना!
जया ने कहा कि कल दूसरे सदन में एक सदस्य ने फिल्म उद्योग के खिलाफ बोला, जो पीडादायी था। उन्होंने कहा, 'इस उद्योग के खिलाफ आज जिस भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है वह पूरी तरह गलत है। उस पर रोक लगनी चाहिए।'
विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। भाजपा के डा विकास महात्मे ने एक वेबसीरीज में भारतीय इतिहास की विदुषी अहिल्याबाई होल्कर को कथित तौर पर अपमानित किए जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से मांग की कि वेबसीरीज के नियमन के लिए कानून बनाया जाए।
महात्मे ने कहा, 'वर्जिन भास्कर नामक इस वेबसीरीज में अहिल्याबाई होल्कर को अपमाननजक तरीके से चित्रित किया गया जिससे पूरे समाज में रोष है। विवाद बढने पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर के हस्तक्षेप से विवादित हिस्सा निकाल दिया गया।'
उन्होंने कहा कि नाटकों और ड्रामों के लिए नियम हैं और अनुमति की जरूरत होती है लेकिन वेबसीरीज के लिए ऐसा नहीं है जबकि ज्यादातर सीरीज में असयंमित भाषा का उपयोग होता है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए और इसके लिए सरकार को एक कानून बनाना चाहिए। कई सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।