West Bengal Assembly Elections 2021: शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को समर्थन दिया।
इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने टीएमसी को समर्थन किया है। पार्टी सुप्रीमो और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने इस फैसले की घोषणा की।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव और सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा को हराने के लिए हम ममता बनर्जी को समर्थन कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कोलकाता में कहा था कि बिहार के लोग ममता दीदी को वोट कीजिए।
उल्लेखनीय है कि संजय राउत ने 17 जनवरी को कहा था कि शिवसेना आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में लड़ेगी। ममता बनर्जी को ‘बंगाल की असली शेरनी’ बताते हुए शिवसेना ने तृणमूल कांग्रेस से एकजुटता दिखाने का संकल्प लिया।
पार्टी ने पूर्व में कहा था कि वह राज्य में चुनावी मुकाबले में उतरेगी। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने एक ट्वीट कर इसकी घोषणा की और कहा कि पार्टी अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा के बाद यह फैसला किया गया।
राउत ने कहा कि इस वक्त ‘‘दीदी बनाम अन्य सभी’’ का मुकाबला प्रतीत हो रहा है। राउत ने कहा, ‘‘बहुत लोग यह जानना चाहते थे कि शिवसेना पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेगी या नहीं? पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे जी के साथ चर्चा के बाद यह फैसला किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ममता दीदी के खिलाफ धन-बल, मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा। इसलिए शिवसेना ने पश्चिम बंगाल चुनाव नहीं लड़ने और उनके साथ खड़ा रहने का फैसला किया है। हम ममता दीदी की जबरदस्त सफलता की कामना करते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि वह बंगाल की असली शेरनी हैं।’’
तेजस्वी यादव ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में आगामी चुनाव "आदर्शों और मूल्यों" को बचाने के लिए एक लड़ाई होगी। उन्होंने कहा, "ममता जी को पूर्ण समर्थन प्रदान करना लालू जी का निर्णय है। हमारी पहली प्राथमिकता भाजपा को सत्ता में आने से रोकना है।"