नागपुर स्थित संघ मुख्यालय पहुंचे दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत से मुलाकात की
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 3, 2019 06:31 PM2019-10-03T18:31:51+5:302019-10-03T18:31:51+5:30
जाने माने अभिनेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य मिथुन चक्रवर्ती गुरुवार को संघ मुख्यालय पहुंचे। सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत से मुलाकात व रेशमबाग में हेडगेवार स्मृति में कुछ समय बिताने के बाद वे मुंबई के लिए रवाना हो गए।
दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय का दौरा किया। दिग्गज अभिनेता तृणमूल कांग्रेस से पूर्व राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं।
जाने माने अभिनेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य मिथुन चक्रवर्ती गुरुवार को संघ मुख्यालय पहुंचे। सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत से मुलाकात व रेशमबाग में हेडगेवार स्मृति में कुछ समय बिताने के बाद वे मुंबई के लिए रवाना हो गए।
The real rock star of Indian cinema, Mithun Chakrobarthy, the man who took the fame of Indian art beyond the iron curtains of Soviet Union, visited @RSSorg headquarters, Nagpur today. pic.twitter.com/faQdGSPQc6
— J Nandakumar (@kumarnandaj) October 3, 2019
सरसंघचालक से अचानक मुलाकात व चर्चा के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पायी है। संघ सूत्र के अनुसार चक्रवर्ती का दौरा पूर्व निर्धारित नहीं था। कुछ समय से उनकी तबियत ठीक नहीं है। वे यहां आएं तो उनके मुंह पर मास्क लगा था। पुराने परिचितों के माध्यम से उन्होंने सरसंघचालक से मिलने का समय निर्धारित किया। महल स्थित संघ मुख्यालय में आधे घंटे चर्चा के बाद वे रेशमबाग पहुंचे।
डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार स्मृति मंदिर के पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। उन्हें स्मृति चिन्ह दिया गया। चक्रवर्ती ने हेडगेवार प्रतिमा का अभिवादन किया । साथ ही द्वितीय सरसंघचालक गोलवलकर गुरुजी की समाधि के दर्शन किए। गौरतलब है कि चक्रवर्ती कुछ समय तक राजनीति में सक्रिय रहे हैं।
The real rock star of Indian cinema, Mithun Chakrobarthy, the man who took the fame of Indian art beyond the iron curtains of Soviet Union, visited @RSSorg headquarters, Nagpur today. pic.twitter.com/faQdGSPQc6
— J Nandakumar (@kumarnandaj) October 3, 2019
पश्चिम बंगाल में त्रणमुल कांग्रेस की ओर से उन्हें राज्यसभा में भेजा गया था। लेकिन राज्यसभा में लगातार अनुपस्थित रहने के बाद उन्होंने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस बीच पश्चिम बंगाल के चर्चित चिट फंड घोटाले में भी उनका नाम चर्चा में आया था। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना करना पड़ा था।