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अयोध्या पहुंचे सीएम आदित्यनाथ, ऐतिहासिक क्षण बताया, तैयारियों का लिया जायजा, हनुमानगढ़ी मंदिर में की आरती

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 3, 2020 16:47 IST

कोविड-19 के प्रोटोकॉल को मजबूती से लागू करने पर प्रशासन का मुख्य फोकस है। अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर भूमिपूजन के लिए हनुमानगढ़ी मंदिर में आज विशेष आरती की गई।

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ठळक मुद्देबाहर व्यवस्था आदि देखने, निरीक्षण करने के लिए हम यहां आए हैं, कहीं भी कोई कोताही न बरती जाए, हम लोगों ने इसके लिए पूरी तत्परता के साथ तैयारी की है।प्रधानमंत्री मोदी जी अयोध्या में लगभग 500 वर्षों की इस परीक्षा के परिणाम के साथ भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखेंगे।विश्व हिन्दू परिषद के आलोक कुमार ने कहा कि 5 अगस्त को राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

अयोध्या/लखनऊः अयोध्या में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या के साथ-साथ देश और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जब प्रधानमंत्री मोदी जी अयोध्या में लगभग 500 वर्षों की इस परीक्षा के परिणाम के साथ भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखेंगे।

बाहर व्यवस्था आदि देखने, निरीक्षण करने के लिए हम यहां आए हैं, कहीं भी कोई कोताही न बरती जाए, हम लोगों ने इसके लिए पूरी तत्परता के साथ तैयारी की है। कोविड-19 के प्रोटोकॉल को मजबूती से लागू करने पर प्रशासन का मुख्य फोकस है। अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर भूमिपूजन के लिए हनुमानगढ़ी मंदिर में आज विशेष आरती की गई।

विश्व हिन्दू परिषद के आलोक कुमार ने कहा कि 5 अगस्त को राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसका शिलान्यास हमने 1989 में किया था। आज मैंने दिग्विजय सिंह का ट्वीट भी देखा कि यह राजीव गांधी की सहमति से हुआ था। परन्तु 1989 के बाद 31 साल निर्माण शुरू होने में लग गए।

उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अयोध्या का दौरा कर वहां पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री दोपहर बाद अयोध्या पहुंचे और उन्होंने भूमि पूजन स्थल का निरीक्षण किया। वह हनुमानगढ़ी भी गये और तैयारियों के बाबत अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से आयोजन स्थल पर तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली । मुख्यमंत्री को रविवार को अयोध्या जाना था लेकिन उप्र की कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरूण के निधन के कारण उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया था ।

भूमि पूजन समारोह में नवरत्न जड़ित विशेष पोशाक में सजेंगे रामलला

राम मंदिर भूमि पूजन के ऐतिहासिक समारोह में 'रामलला' शंकरलाल और भगवत लाल द्वारा तैयार की गई नवरत्न जड़ित विशेष पोशाक में सजेंगे। पिछले करीब 35 सालों से पूज्य प्रतिमाओं के परिधान सिल रहे इन दर्जी बंधुओं की अभीष्ट इच्छा आगामी पांच अगस्त को पूरी होने जा रही है।

अयोध्या के बड़ी कुटिया इलाके में अपने पिता बाबूलाल के नाम से सिलाई की दुकान चलाने वाले शंकरलाल और भगवत लाल सिर्फ मूर्तियों और साधु संतों के लिए ही कपड़े सिलते हैं। करीब 54 वर्षीय शंकरलाल ने सोमवार को बताया कि उनके पिता बाबूलाल ने वर्ष 1985 में रामलला के परिधान सिलना शुरू किया था।

वह और उनके भाई भगवत लाल अपने पिता के साथ मिलकर रामलला के परिधान सिलते थे

वह राम जन्मभूमि में अपनी सिलाई मशीन लेकर जाते थे। इस दौरान वह और उनके भाई भगवत लाल अपने पिता के साथ मिलकर रामलला के परिधान सिलते थे। आगामी बुधवार को राम मंदिर निर्माण के लिए होने जा रहे भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर बेहद उत्साहित शंकरलाल ने कहा कि यह उनके मन की मुराद है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो और उसके भूमि पूजन के दिन रामलला उनके हाथों से सिले परिधान धारण करें।

शंकरलाल ने बताया कि भूमि पूजन के दिन के लिए रामलला की पोशाक के दो सेट तैयार किए गए हैं। इनमें से एक हरे रंग का है जबकि दूसरा भगवा रंग का। उन्होंने बताया कि यह परिधान मखमल से बनाए गए हैं। हरे रंग की पोशाक उस दिन के रंग को ध्यान में रखकर तैयार की गई है जबकि भगवा को पवित्र रंग माना जाता है। बुधवार को रामलला पहले हरी पोशाक और बाद में भगवा पोशाक धारण करेंगे। शंकरलाल ने बताया कि रामलला के परिधान का रंग हर दिन के हिसाब से बदलता है।

सोमवार को वह सफेद पोशाक धारण करते हैं जबकि मंगलवार को लाल और बुधवार को हरा। बृहस्पतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम रंग का, शनिवार को नीला और रविवार को उन्हें गुलाबी वस्त्र पहनाया जाता है। शंकरलाल ने बताया कि भूमि पूजन समारोह के लिए तैयार की गई विशेष पोशाक में स्वर्ण धागे पर नवरत्न जड़े गए हैं, क्योंकि राम लला की वस्त्रों की शोभा इनसे और खिलती है। इस बीच, रामलला मंदिर के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि समारोह के लिए सिली गई पोशाकें रविवार को उनके सुपुर्द कर दी गई हैं।

शंकरलाल ने बताया कि रामलला की पोशाक बनाने के लिए पहले 11 मीटर लंबा कपड़ा चाहिए था लेकिन अब हमें 17 मीटर कपड़े की जरूरत है। अयोध्या में जब भव्य राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा तो पता नहीं भगवान राम तथा अन्य प्राण-प्रतिष्ठित मूर्तियों की पोशाकों के लिए कितने कपड़े की जरूरत पड़ेगी।

शंकर लाल के बड़े भाई भगवत लाल ने परिधान सिलने की विशेषज्ञता का श्रेय भगवान को दिया। उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार इसी काम में लगा हुआ है। वह सिर्फ देवी-देवताओं की प्रतिमाओं और साधु-संतों के लिए ही कपड़े सिलते हैं।

ताज्जुब की बात यह है कि उनका पूरा परिवार अपने कपड़े सिलवाने के लिए दूसरे दर्जियों पर निर्भर करता है। भगवत लाल ने कहा कि रामलला की सेवा करने का मौका मिलने की खुशी को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। बहरहाल इन दोनों दर्जी बंधुओं की दुकान देश-विदेश के मीडिया के लिए इन दिनों आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

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