नई दिल्ली, 10 सितंबरः देश में लगातार आसमान छू रही पेट्रोल-डीजल, सीएनजी-एलपीजी आदि ईंधन सामग्रियों की कीमतों पर सोमवार को चल रहे भारत बंद का राजनैतिक पहलू अहम है। कीमतों की वृद्धि पर आधारित यह प्रदर्शन आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के बाबत में संयुक्त विपक्ष की संकल्पना के शक्ति परीक्षण के तौर पर देखा जा रहा था। इसीलिए कांग्रेस ने भारत बंद के आह्वान के पहले ही समुची विपक्षी पार्टियों को इसमें शामिल होने का न्योता भेज दिया था। इसमें कांग्रेस को खासा समर्थन मिला।
कांग्रेस को बड़ी पार्टियों में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), द्रविण मुनेत्र कणगम (डीएमके), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), जनता दल एस (जेडीएस) राष्ट्रीय लोक दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कई अन्य दल समर्थन कर रहे हैं। बाद में कांग्रेस के इस भारत बंद को राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी समर्थन दे दिया।
लेकिन इसी बीच कुछ प्रमुख पार्टियां ऐसी भी जिन्होंने कांग्रेस के भारत बंद के बुलावे को ठुकरा दिया।
शिव सेना ने बदला सुर, भारत बंद को समर्थन को नहीं
कांग्रेस के दावों के अनुसार शिव सेना ने प्रदर्शन में साथ देने का आश्वासन दिया था। लेकिन ऐन मौके पर उसने कांग्रेस को मना कर दिया। मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की एक कॉल के कारण हुआ। शिव सेना के संजय राउत ने इसकी जानकारी दी उनकी पार्टी बंद का हिस्सा नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस ने समर्थन देने के बाद भारत बंद से बनाई दूरी
कांग्रेस के दावे के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के भारत बंद को समर्थन दिया है। लेकिन पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि वह इस प्रदर्शन से दूर रहेगी। इस बंद का बंगाल पर बहुत ही कम असर देखने को मिल रहा है। टीएमसी के अनुसार बंद आम लोगों की जिंदगी पर असर पड़ता है। यह जनता के हित में नहीं है।
'आप' ने उल्टे लगाया आरोप, कांग्रेस की नीति ही आगे बढ़ा रही बीजेपी
आम आदमी पार्टी ने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस के पास भारत बंद करने का कोई नैतिक अथवा मौलिक वजह नहीं है। यह महज एक राजनैतिक स्टंट है। बीजेपी, कांग्रेस की ही नीतिओं को आगे बढ़ा रही है, इसीलिए पेट्रोल-डीजल व अन्य ईंधन सामग्रियों के दाम बढ़ रहे हैं।
बीजद बंद ने नहीं दिया समर्थन
ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) को कांग्रेस संयुक्त विपक्ष का हिस्सा बनाना चाहती है। लेकिन बीजद कांग्रेस के बुलावे को स्वीकार नहीं किया। प्रदेश में सुरक्षा के मद्देनजर आज स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया था। लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर निदान के लिए भारत बंद सही तरीका नहीं है। पार्टी के अनुसार वह पहले ही तीन दिनों प्रदेश में प्रदर्शन कर रही है।