पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), 2019 के संदर्भ में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि वह मामले में हस्तक्षेप करें और सुनिश्चित करें कि कानून तुरंत वापस लिया जाए।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बनर्जी ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह ‘‘जन-विरोधी’’ कानून और पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने की योजना वापस लें। अपनी अपील में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, ‘‘यह किसी राजनीतिक जीत या हार के बारे में नहीं है। यह हमारे देश का मसला है.... सीएए और एनआरसी वापस लें।’’
सीएए और प्रस्तावित एनआरसी पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह के अपने गुरुवार के बयान से पलटते हुए बनर्जी ने कहा कि उन्होंने सिर्फ देश के निष्पक्ष विशेषज्ञों से जनमत संग्रह कराने को कहा था जिसकी प्रक्रिया की निगरानी संयुक्त राष्ट्र द्वारा की जा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने देश पर गर्व है..... मुझे अपने देशवासियों पर पूरा भरोसा है। मैंने कहा था कि निष्पक्ष विशेषज्ञों के एक पैनल और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्यों द्वारा जनमत संग्रह कराया जाए। संयुक्त राष्ट्र इसकी निगरानी कर सकता है।’’
बहुलतावाद राष्ट्र की मुख्त ताकत है: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को लोगों से विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि बहुलतावाद राष्ट्र की मुख्य ताकत है। ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एकता दिवस’ के मौके पर ट्विटर पर उन्होंने कहा कि लोगों को धर्म और जाति के आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आओ, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एकता दिवस पर हम अनेकता में एकता का उत्सव मनाएं। यह हमारी शक्ति है। आओ, मिलकर उन विभाजनकारी ताकतों को हराएं जो हमें धर्म और जाति के आधार पर बांटना चाहती हैं।’’ मुख्यमंत्री संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ मुखर हैं।