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उपचुनाव के बाद जदएस के हाथ मिलाने में कोई दिक्कत नहीं, भाजपा को सत्ता से दूर रखना हैः कांग्रेस

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 2, 2019 17:21 IST

जद (एस) के नेता पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं कि पार्टी ऐसी संभावना के लिए तैयार है। कांग्रेस और जद (एस) कर्नाटक में 14 महीने तक गठबंधन सरकार चला चुकी हैं और दोनों ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था।

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ठळक मुद्देभाजपा को राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत में बने रहने के लिए 15 निर्वाचन क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव में कम से कम छह सीटें जीतना जरूरी है।उपचुनाव के बाद कांग्रेस और जद (एस) के हाथ मिलाने के संकेतों को खारिज करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि इस तरह की बातचीत का कोई महत्व नहीं है।

महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने के बाद कर्नाटक में कांग्रेस ने इसका संकेत दिया कि पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को बहुमत के लिए जरूरी सीटें नहीं मिल पाने की स्थिति में वह एक बार फिर जद(एस) के साथ हाथ मिलाने के विरुद्ध नहीं है।

जद (एस) के नेता पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं कि पार्टी ऐसी संभावना के लिए तैयार है। कांग्रेस और जद (एस) कर्नाटक में 14 महीने तक गठबंधन सरकार चला चुकी हैं और दोनों ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, 17 विधायकों की बगावत के बाद गत जुलाई में एच डी कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद दोनों पार्टियां अलग हो गई थीं और दोनों अलग-अलग उपचुनाव लड़ रही हैं।

मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भाजपा को राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत में बने रहने के लिए 15 निर्वाचन क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव में कम से कम छह सीटें जीतना जरूरी है। इसके बाद भी सदन में दो सीटें- मास्की और आर आर नगर..रिक्त रहेंगी।

उपचुनाव के बाद कांग्रेस और जद (एस) के हाथ मिलाने के संकेतों को खारिज करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि इस तरह की बातचीत का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी 15 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के उम्मीदवारों की जीत होगी। शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा ‘‘ऐसी बातों का कोई महत्व नहीं है।’’

उपचुनाव के लिए प्रचार मंगलवार को समाप्त होगा। ऐसे में राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘‘संविधान, लोकतंत्र की रक्षा के लिए और धर्म निरपेक्ष सिद्धांतों के साथ सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए जब स्थिति पैदा होगी, ऐसे मामलों पर हम अपने सहयोगियों और संप्रग भागीदारों के साथ चर्चा के बाद जरूरी कदम उठाएंगे। ’’

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देखते हैं भविष्य में क्या होता है...हमारा ध्यान 15 सीटें जीतने पर है...हम आपको बता देंगे। हम नौ दिसंबर को एक सही तस्वीर बताएंगे। हम आपको अच्छी खबर देंगे।’’ खड़गे महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रभारी महासचिव हैं, जहां पर पार्टी ने भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए शिवसेना और राकांपा के साथ गठबंधन करके सरकार बनायी है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने पड़ोसी राज्य में ऐसा फैसला लोकतंत्र की रक्षा के लिए किया।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको हकीकत बताऊं, हमारी अध्यक्ष (सोनिया गांधी) इसके पक्ष में नहीं थीं और चाहती थीं कि हम विपक्ष में रहें लेकिन प्रगतिशील सोच वाले लोगों, दलों ने हमें भाजपा को सत्ता से बाहर रखने पर ध्यान देने को कहा।’’ पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर ने भी कहा कि अगर हालात पैदा होते हैं तो कांग्रेस और जद (एस) के साथ आने की संभावना है और इस बारे में विचार और फैसला आलाकमान करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘नौ दिसंबर को नतीजे आने के बाद अगर कांग्रेस को ज्यादा और भाजपा को कम सीटें मिलती हैं, तो सरकार गिर जाएगी। इसके बाद हमारे पास दो विकल्प होंगे। एक सरकार नहीं बनाना और बाहर रहना, दूसरा फिर से जद(एस) के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाने का।’’

उन्होंने कहा, ‘‘साथ आने की संभावना है...क्या हम तुरंत मध्यावधि चुनाव का सामना करने की स्थिति में हैं? क्या हमें लोगों पर एक और चुनाव का बोझ डालना चाहिए।’’ जद (एस) संस्थापक एच डी देवगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी ने भी कहा था कि उपचुनाव के बाद राज्य में स्थिर सरकार होगी, हालांकि जरूरी नहीं है कि यह भाजपा की हो।

उन्होंने मीडियाकर्मियों से नौ दिसंबर को उपचुनाव के नतीजों तक इंतजार करने को कहा था। उपचुनाव के बाद राज्य में राजनीतिक बदलाव के बारे में अपना दावा दोहराते हुए कुमारस्वामी ने रविवार को कहा कि यह कोई अतिशयोक्ति वाला बयान नहीं है और इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।

यह पूछे जाने पर कि क्या उपचुनाव के बाद वह किंगमेकर होंगे, उन्होंने कहा, ‘‘लोग, इन 15 निर्वाचन क्षेत्रों के वोटर किंगमेकर हैं, मैं नहीं हूं।’’ जिन 15 निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहा है उसमें 12 पर कांग्रेस का कब्जा था और तीन सीटें जद (एस) के पास थीं।

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