कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार में सियासी सरगर्मी, तेजस्वी यादव ने साधा नीतीश सरकार पर निशाना

By एस पी सिन्हा | Published: January 29, 2021 04:12 PM2021-01-29T16:12:03+5:302021-01-29T16:18:33+5:30

तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर हमला बोला है। उन्होंने नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा...

Tejashwi Yadav targeted Nitish government on Agricultural Laws | कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार में सियासी सरगर्मी, तेजस्वी यादव ने साधा नीतीश सरकार पर निशाना

कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार में सियासी सरगर्मी, तेजस्वी यादव ने साधा नीतीश सरकार पर निशाना

नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में चल रहे आंदोलन ने अब बिहार में भी सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज महागठबंधन के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की और उसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ताबड़तोड़ हमला बोल दिया. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में सरकार का कोई भी कार्यक्रम जमीन पर नहीं उतरा है. यहां केवल कुर्सी बचाने का खेल चल रहा है. ऐसे में जनता को इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. 

तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर हमलावर होते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हम चुनौती देते हैं कि वह हमें गिरफ्तार करें. सरकार के भ्रष्टाचार के कामों को हम लगातार उजागर करते रहेंगे. आरसीपी टैक्स के बिना नीतीश सरकार में कोई काम नहीं होता. इसकी बात हम निरंतर कहते रहेंग. हिम्मत है तो हमें गिरफ्तार करें. नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया को लेकर जिस काले कानून को बनाया है, उसे हर कीमत पर उन्हें वापस लाना होगा. उन्होंने नीतीश कुमार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार सत्ता के भूखे हैं और सिर्फ इनका एक ही काम बचा है किसी तरह अपनी कुर्सी की रक्षा करना. 

सत्ता की भूख में यह जोड़-तोड़ की राजनीति में लीन हैं. जनता के हित में कोई काम इनको याद नहीं है. यह सिर्फ सात निश्चय वन, सात निश्चय टू का वादा करते हैं और कभी भी किसी भी तरह के वादे को पूरा करने का काम नहीं करते. राजद नेता ने कहा कि नया कृषि कानून देश की लगभग 80 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करता है. पहले किसानों के बेटे बेरोजगार थे लेकिन इस कानून के आने के बाद अब किसान भी बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि राजद ही नहीं बल्कि महागठबंधन के सभी दल किसानों के साथ मजबूती के साथ खडे हैं. कल हमलोग मानव श्रृंखला बनाने जा रहे हैं. हम आगे भी किसानों के हित में अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि बिहार में 2006 में ही एपीएमसी एक्ट को खत्म किया गया, जिसके बाद किसान मजदूर बनकर रह गए. नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में किसानों को अब भिखारी बनाना चाहते हैं. उन्होंने नीतीश कुमार से सीधा सवाल किया कि वह किसान आंदोलन पर चुप क्यों है? मैंने पूछा कि नीतीश कुमार आखिर किसान आंदोलन पर अपनी चुप्पी कब तोड़ेंगे? कृषि कानूनों को लेकर उनकी राय क्या है? उन्हें साफ तौर पर बताना चाहिए. पत्रकारों के सवाल का उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि आप भी ज्यादा बोलिएगा ज्यादा दिखाइएगा तो गिरफ्तार हो जाइएगा. क्या आपको अद्भुत नहीं लगता कि जनता अगर बोलेगी तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा? आप उन पर प्राथमिकी कीजिएगा? यह कैसा कानून है कि आप भ्रष्टाचार करिए और लोग मुंह में दही जमा कर बैठे रहें? विधानसभा 19 तारीख से शुरू होने वाला है नीतीश सरकार से एक एक जवाब लेंगे. 

तेजस्वी यादव ने कहा कि भला बताइए कि इनसे सरकारी कर्मी नाराज है, संविदा कर्मी नाराज हैं, किसान नाराज हैं, युवा नाराज है, जिस प्रदेश में महिला सुरक्षित नहीं, आम आदमी का जीवन खतरे में हो. वहां सरकार नाम की चीज हो सकती है क्या? आखिर ये कर क्या रहे हैं? आखिर मुख्यमंत्री होता क्यों है? जनता के लिए ही तो उन्हें काम करना होता है. इनका काम है संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की रक्षा करना, लेकिन यहां तो जनता सडक पर है, भूखे हैं. नंगे हैं. 100 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है. इन पर नीतीश कुमार या प्रधानमंत्री का कोई बयान आया है क्या? बिहार के मुख्यमंत्री तो अद्भुत हैं कृषि बिल पर उन्होंने आज तक एक शब्द कहना मुनासिब नहीं समझा. उनके अंदर इंसानियत खत्म हो चुकी है. हमें तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि नीतीश कुमार भी समाजवादी नेता थे. कोई विश्वास नहीं कर सकता है. गजब के पलटी मार हैं. जनता सब देख रही है. पुलिसकर्मी तबाह हैं. किसान तबाह हैं. जनता तबाह है. कौन खुश है? यह सरकार ही बताएं? यह सरकार खुद में ही अविश्वास में जीती है. इनकी हरकतें इनके कमजोर विश्वास को उजागर करती है. किसान आंदोलन पर एवं कृषि कानून पर नीतीश कुमार के चुप्पी क्या कहती है? नीतीश कुमार लगातार लोकतंत्र की हत्या करने में लगे हुए हैं. धरना स्थल पर भी आंदोलनकारियों को बैठने नहीं देते किसान विरोधी नीतीश कुमार. आज डीजल की कीमतों में लगातार बढोतरी हो रही है, जिसके कारण नुकसान किसानों को उठाना होगा. 

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में एपीएमसी एक्ट खत्म किए जाने के बाद बाजार समिति की व्यवस्था खत्म हो गई और उसके बाद किसानों को कभी भी एपीएमसी का लाभ नहीं मिला. बिहार में किसानों के लिए एपीएमसी एक्ट केवल एक छलावा है. उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि एपीएमसी के मुताबिक किसानों से अनाज की खरीद नहीं हो रही है. बिहार में बिचौलिए सक्रिय हैं और राज्य सरकार इस बात का दावा नहीं कर सकती कि किसानों से उनका सभी अनाज एमएसपी के रेट पर खरीदा गया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि मौजूदा कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. हम अंतिम दम तक किसानों के साथ संघर्ष के लिए संकल्पित हैं. मानव श्रृंखला कल बनाई जाएगी और इसके लिए सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन आगे भी जो कार्यक्रम तय करेगा उसकी जानकारी विस्तार से दी जाएगी. तेजस्वी ने कहा कि मौजूदा एनडीए सरकार जनविरोधी है. देश में नाराजगी का माहौल है, जय जवान जय किसान मोदी सरकार दोनों की विरोधी हैं. देश की सुरक्षा में लगे जवानों भी किसान परिवार से ही आते हैं. जवानों में भी कृषि कानून को लेकर भारी आक्रोश है. आज तक फसलों का खरीद नहीं हो पाया है, जो भी है वह एमएसपी पर नहीं बिक रहा है. कृषि रोड मैप बनाते हैं, उस पर कोई काम करना ही नहीं चाहते किसान के बेटे बेरोजगार हैं.  

तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार जी सिर्फ कानून बनाने में लगे हैं. अब कह रहे हैं कि 50 साल से ज्यादा वाले लोगों को रिटायर कर दिया जाएगा. यह सरकार सिर्फ संकट लाने में विश्वास करती है. समस्याओं के निदान में नहीं. कल मानव श्रृंखला बना रहे हैं. आगे भी सरकार के खिलाफ और जनता के समर्थन में हम लोग अपना कार्यक्रम जारी रखेंगे. टीईटी अभ्यर्थियों पर धरना के दौरान पुलिसिया लाठीचार्ज का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी को धरना स्थल पर बैठने नहीं दिया जा रहा है. किसानों और जवानों को लडाने का काम हो रहा है. हम इन सभी मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे और जवाब मांगेंगे. यहां बता दें कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, एमएसपी को कानूनी दर्जा देने और बिहार में एपीएमसी एक्ट लागू करने की मांग को लेकर महागठबंधन ने 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाने की घोषणा की है.

वहीं, किसान आंदोलन के समर्थन में बिहार में बनाए जाने वाली मानव श्रृंखला को लेकर आज महागठबंधन में शामिल घटक दलों की बैठक हुई. इस बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार और केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला. किसानों के समर्थन में महागठबंधन को खडा बताया. लेकिन तेजस्वी के साथ-साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजीत शर्मा ने बिहार में रोजगार को एक बडा मुद्दा बताया. अजीत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस से बिहार में रोजगार के मुद्दे को नहीं छोडने वाली. तेजस्वी यादव ने चुनाव के दौरान 10 लाख रोजगार का वादा किया था, लेकिन सरकार नीतीश कुमार की बनी और भाजपा ने 19 लाख रोजगार देने का जो वादा किया था, उसका क्या हुआ? सरकार को बताना चाहिए. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि रोजगार के साथ-साथ हम बिहार में लोगों के सामने मौजूद अन्य समस्याओं को भी लगातार उठाते रहेंगे. 

उधर, वामदलों ने भी नीतीश सरकार पर हमला बोला. वाम दलों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के हाथ में खेल रही है. किसानों के धरने प्रदर्शन के दौरान बिजली और पानी की सेवा बाधित की जा रही है. केंद्र का यह अत्याचार देश देख रहा है और इसका जवाब सही समय पर मिल जाएगा. वाम दलों ने यह भी कहा कि प्रदेश में भी किसानों की स्थिति बदहाल है और यहां भी किसान जो अनाज पैदा कर रहे हैं, उसकी खरीद नहीं हो रही. सरकार की नीतियां केवल कागजों पर है. जबकि जमीनी हकीकत यह है कि किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए आज भी बिचौलियों के ऊपर निर्भर रहना पडता है. बिहार में किसान आंदोलन की चिंगारी जल चुकी है और जल्द ही नीतीश कुमार भी इस चपेट में आएंगे.

Web Title: Tejashwi Yadav targeted Nitish government on Agricultural Laws

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