नई दिल्ली, 20 मार्च: लोकसभा में हुए विपक्ष के हंगामे से नाराज हुई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इराक में मारे गए भारतीयों के संबंध में लोकसभा में उनके बयान में बाधा डालने पर कांग्रेस को फटकार लगाई। उन्होंने कांग्रेस की लोकसभा की कार्यवाही में खलल डालने को 'घटिया राजनीति' करार दिया। उन्होंने कहा, 'मैं व्यक्तिगत रूप से संबंधित देशों के विदेश मंत्रियों से बात की थी। मैंने उनसे पूछा था कि अगर कोई सबूत हो तो वह हमें प्रोवाइड कराएं।'
विदेश मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को जवाब देंगा होगा कि लोकसभा कार्यवाही को उस समय बाधित क्यों किया गया, जब मुझे इराक में मारे गए 39 भारतीयों की जानकारी देनी थी। इसके साथ हुए उन्होंने कहा 'भारतीय इराक में मारे गए हैं।' इस बात का बिना कोई सबूत के सरकार किसी को मृत घोषित नहीं कर सकती।
सुषमा ने कहा कि हंगामे का नेतृत्व कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया और लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बार बार आग्रह करने के बावजूद सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा। विदेश मंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव विषय पर कांग्रेस सदस्यों ने एक बार मांग नहीं की, ‘‘ लेकिन आज कौन सी बात थी कि इतने संवेदनशील विषय पर कांग्रेस इस तरह से शोर शराबा किया । ’’ सुषमा ने कहा, ‘‘आज लोकसभा में कांग्रेस का व्यवहार ओछी राजनीति की सारी हदें पार कर गया । ’उन्होंने कहा, ‘‘ क्या मौत पर भी राजनीति करेंगे । इतनी बड़ी घटना ... राज्यसभा में कह चुकी थी कि इराक में भारतीयों की मौत का समाचार लेकर आई हूं । हर बार वे :कांग्रेस: सवाल पूछते थे लेकिन आज जब यह दुखद जानकरी लेकर आई तब किसी को सुनने नहीं दिया । 5 मार्च से 19 मार्च तक संसद में अपने किये को वे :कांग्रेस: भूल गए । आज कौन सी बाध्यता थी । ’’ हंगामे के लिये कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि राज्यसभा में सब लोगों ने इस बारे में बयान को ध्यान से सुना था । जब कांग्रेस अध्यक्ष को लगा कि ये क्या हो गया, ऐसा शांतिपूर्ण कैसे हो गया, वे शांति से बोलकर चली गई, सरकार के सारे प्रयास और सारी बातें रिकार्ड हो गई....तब उन्होंने तय किया कि लोकसभा में ऐसा नही होने पाए । सुषमा ने कहा कि इसलिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह दायित्व दिया गया कि लोकसभा में शांति से ऐसा नहीं हो पाए । उन्होंने कहा कि वह भारी मन से यह दुखद समाचार देने लोकसभा गई थी और कांग्रेस के व्यवहार से उन्हें काफी दुख पहुंचा है ।
(भाषा इनपुट के साथ)