नई दिल्ली, 9 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले की बात लिखे हुए माओवादियों के पत्र को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि जो भी माओवादियों को थोड़ा जानता है वह ये बात अच्छे से समझता होगा कि वह कभी भी किसी पत्र में अपना नाम नहीं लिखते। इसलिए इस पत्र के झूठ होने की बात कही है। लोगों का कहना है कि यह सरकार सिर्फ चुनाव के लिए सहानुभूति कार्ड के तौर पर खेल रही है।
ये भी पढ़ें: पीएम मोदी की आज चीनी राष्ट्रपति शी से मुलाकात, एससीओ के मंच से पाकिस्तान को देंगे चेतावनी!गौरतलब है कि पुणे पुलिस ने शुक्रवार को दिल्ली में रोना विलसन के घर पर मिले पत्र में नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश होने की बात कही था। पुलिस ने पत्र का एक हिस्सा जारी किया था। इसमें लिखा है, नरेंद्र मोदी एक फांसीवादी-हिन्दूवादी नेता हैं। बिहार और पश्चिम बंगाल में भले वह सरकार बनाने में सफल ना हुए हो पर देश के 15 राज्यों में उनकी सरकारें बनी है। अगर इसी गति से वे आगे बढ़ते रहे तो सभी पार्टियों के लिए परेशानी बढ़ जाएगी।
पत्र में आगे लिखा है, इसलिए अब कुछ वरिष्ठ कामरेडों ने साल 2016 के ओडीएच मिशन से भी क्रूर कदम उठाने की ठानी है। मोदी राज को खत्म करना होगा। इसके लिए राजीव गांधी हत्याकांड जैसी एक घटना को अंजाम देना होगा। सह आत्मघाती साबित हो सकता है। इसके असफल होने की भी संभावना है। लेकिन पार्टी में इस प्रस्ताव को रखा जाना चाहिए। नरेंद्र मोदी को मारने के लिए रोड शो के दौरान इस घटना को अंजाम देने का सबसे सही समय होगा।
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यह जानकारी पुणे पुलिस ने अदालत को बताया कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से 'संबंध' के आरोप में गिरफ्तार पांच व्यक्तियों में से एक के घर में कथित रूप से एक पत्र मिलने की बाद की है। इसमें इस बात का जिक्र है कि माओवादी 'एक और राजीव गांधी कांड' की योजना बना रहे हैं।