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राजस्थान में नेतृत्व समेत सभी मुद्दों पर विचार करेगी 3 सदस्यीय समिति, मैंने किसी पद की मांग नहीं की: सचिन पायलट

By भाषा | Updated: August 11, 2020 20:09 IST

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के साथ सोमवार को पायलट की मुलाकात के बाद राजस्थान का सियासी संकट खत्म हो गया।

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ठळक मुद्देसचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के मुद्दों के समाधान के लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया है। सचिन पायलट ने कहा कि किसी पद की कोई मांग नहीं रखी गई है, लेकिन पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी उसे वो पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे। सचिन पायलट ने कहा कि हम कुछ मुद्दों को लेकर दिल्ली आए थे। पहला यह था कि देशद्रोह के मामले में मुझे नोटिस जारी किया गया।

नयी दिल्ली: राजस्थान में राजनीतिक संकट के पटाक्षेप के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित की जा रही तीन सदस्यीय समिति राज्य में नेतृत्व समेत उनकी ओर से उठाए गए सभी मुद्दों पर गौर करेगी तथा बहुत जल्द फैसला होगा। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में यह भी कहा कि उनकी ओर से कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष किसी पद की कोई मांग नहीं रखी गई है, लेकिन पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी उसे वो पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे।

गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के साथ सोमवार को पायलट की मुलाकात के बाद राजस्थान का सियासी संकट खत्म हो गया। पायलट और उनके समर्थक विधायकों के मुद्दों के समाधान के लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया है।

पायलट ने कहा, ‘‘हम कुछ मुद्दों को लेकर दिल्ली आए थे। पहला यह था कि देशद्रोह के मामले में मुझे नोटिस जारी किया गया। मुझे लगा कि वो अनुचित कदम था। इसको लेकर लोग अपनी नाखुशी जाहिर करने के लिए दिल्ली आए थे। इसके बाद पदों से हटाना, मामले दर्ज करना, एसओजी की जांच, ऐसे कई घटनाक्रम हुए जिससे मामला बढ़ता चला गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम लोगों के जो मुद्दे थे वो काम करने के तौर-तरीके को लेकर थे। यह विषय हम पार्टी के समक्ष रखना चाहते थे। किसी के कार्यप्रणाली के खिलाफ कुछ बोलते हैं तो वो न तो देशविरोधी है और न ही पार्टी के खिलाफ है। मुझे खुशी है कि पार्टी ने मुद्दों का संज्ञान लिया है और इनको समयबद्ध तरीके से हल करने एक रोडमैप तैयार किया है।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमारा मुद्दा व्यक्तिगत नहीं है, सैद्धांतिक हैं।’’ यह पूछे जाने पर कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचने में इतना लंबा समय क्यों लगा तो पायलट ने कहा, ‘‘जिनको राजस्थान और दिल्ली के बीच सेतु का काम करना चाहिए, जिस निष्पक्षता से अपनी बात रखनी चाहिए, उन्होंने वो नहीं किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आत्मसम्मान से समझौता करना पड़े, और लोगों के काम नहीं कर पाएं तो फिर पद का क्या फायदा है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों ने पहले दिन स्पष्ट कर दिया था कि हम कांग्रेस, संगठन और पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ नहीं बोलेंगे और आज तक नहीं बोले।

आज जहां हम खड़े हैं वहां से हमारी बात सही साबित हुई है।’’ राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन से जुड़े सवाल पर पायलट ने कहा कि नेतृत्व के बारे में और दूसरी सारी मांगों के बारे में पार्टी ने सुना है और इसीलिए समिति का गठन हो रहा है। उम्मीद है कि इसके परिणाम जल्द आएंगे। मुद्दों के समाधान की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ राहुल जी और प्रियंका जी दोनों ने कहा कि यह समिति खानापूर्ति के लिए नहीं बनाई जा रही है और इसमें गंभीर लोग बैठकर निर्णय लेंगे।

मुझे विश्वास है कि यह महत्वपूर्ण समिति का गठन किया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से कोशिश हुई है कि समस्या के जड़ में जाकर मुद्दों को सुलझाया जाए। ’’ यह पूछे जाने पर कि वह तीन महीने-छह महीने, कितने समय तक निर्णय होने की उम्मीद कर रहे हैं तो पायलट ने कहा, ‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत जल्दी हो जाएगा। इतना (तीन-छह महीने) लंबा नहीं खिंचेगा।’’

राष्ट्रीय संगठन में जिम्मेदारी दिए जाने की अटकलों पर उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने लिए कोई मांग नहीं रखी है। मैंने 20 वर्षों से पार्टी के लिए काम किया है। पार्टी जो भी निर्णय लेगी उसे स्वीकार करेंगे। ’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह फिर से उप मुख्यमंत्री बनेंगे तो पायलट ने कहा, ‘‘ऐसी मैंने कोई मांग नहीं रखी है। मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसे किसी पद पर कोई काम करूंगा। पार्टी का जो भी निर्णय होगा स्वीकार होगा। लेकिन कोई मांग नहीं रखी है।’’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से किए गए हमले पर पायलट ने कहा कि राजनीति में व्यक्तिगत आक्षेप और इस तरह का भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

उन्होंने इस आरोप को भी खारिज किया कि उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर गहलोत सरकार को गिराने का प्रयास किया। पायलट ने कहा, ‘‘इन आरोपों का कोई आधार नहीं है। हकीकत यह है कि हमने पहले दिन कहा था कि हम कांग्रेस के साथ हैं। हम आज भी उस रुख पर कायम हैं।’’  

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