बीजेपी इन तीन राज्यों में राज्यसभा की अतिरिक्त सीटें झटकने की फिराक में, कांग्रेस के सामने है बड़ी चुनौती

By हरीश गुप्ता | Updated: March 17, 2020 08:27 IST2020-03-17T08:14:29+5:302020-03-17T08:27:11+5:30

भााजपा को मध्य प्रदेश में राज्यसभा की अतिरिक्त सीट हासिल होने की उम्मीद थी क्योंकि कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा देकर बेंगलुरु में डेरा डाल लिया, लेकिन अब उसकी नजर गुजरात और राजस्थान में भी अतिरिक्त सीट जीतने पर है.

rajya sabha elections: bjp seats in madhya pradesh, rajasthan, gujarat, congress mla | बीजेपी इन तीन राज्यों में राज्यसभा की अतिरिक्त सीटें झटकने की फिराक में, कांग्रेस के सामने है बड़ी चुनौती

राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीद से ज्यादा सीटें आने का अनुमान लगाए बैठी है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsमहाराष्ट्र और हरियाणा को छोड़कर भाजपा ने प्राय: अधिकांश राज्यों में अपने एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतारे हैं जहां कांग्रेस विधायकों और विधायकों को तोड़कर वह जीतने की स्थिति में है. अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि गुजरात और मध्य प्रदेश में भाजपा के लिए स्थिति काफी अनुकूल है.

राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में अतिरिक्त सीटें झटकने के लिए भाजपा विभिन्न राज्यों में विपक्षी विधायकों के व्यापक पैमाने पर शिकार में जुटी है ताकि उच्च सदन में उसकी संख्या बढ़ सके. 17 राज्यों में 56 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव में भाजपा अपनी ताकत के आधार पर 14 सीटें जीतने में सक्षम थी, लेकिन अब वह कांग्रेस से कम से कम तीन अतिक्ति सीटें झटकना चाहती है.

महाराष्ट्र और हरियाणा को छोड़कर भाजपा ने प्राय: अधिकांश राज्यों में अपने एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतारे हैं जहां कांग्रेस विधायकों और विधायकों को तोड़कर वह जीतने की स्थिति में है. भाजपा ने केवल गुजरात नहीं, जहां कांग्रेस के पांच विधायकों ने पार्टी छोड़कर उसके तीसरे उम्मीदवार के राज्यसभा सीट जीतने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है, बल्कि उसने मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी अतिरिक्त उम्मीदवार को मैदान में उतारा है.

इससे पहले भााजपा को मध्य प्रदेश में राज्यसभा की अतिरिक्त सीट हासिल होने की उम्मीद थी क्योंकि कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा देकर बेंगलुरु में डेरा डाल लिया, लेकिन अब उसकी नजर गुजरात और राजस्थान में भी अतिरिक्त सीट जीतने पर है. राजस्थान में भाजपा को तीन में से एक सीट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब उसकी नजर दो सीटों पर टिकी है. पार्टी को कांग्रेस से दूसरी सीट झटकने की उम्मीद है.

अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि गुजरात और मध्य प्रदेश में भाजपा के लिए स्थिति काफी अनुकूल है. हालांकि कांग्रेस नेतृत्व मध्य प्रदेश जहां जहाज कभी भी डूब सकता है की तुलना में राजस्थान में एकजुट हो रहा है. दिलचस्प बात यह है कि भाजपा ने महाराष्ट्र और हरियाणा में अतिरिक्त उम्मीदवार उतारने से परहेज किया.

भाजपा ने महाराष्ट्र में केवल तीन उम्मीदवार उतारे, जो जीतेंगे. पार्टी ने वहां विधायकों के अवैध शिकार में शामिल होने से इनकार कर दिया क्योंकि उसे पता था कि इसके लिए उसे राकांपा प्रमुख शरद पवार से डील करनी होगी जो पार्टी के लिए काफी जटिल होगी. दूसरी बात यह कि भाजपा नेतृत्व उद्धव ठाकरे सरकार को नहीं छेड़ना नहीं चाहती है.

हरियाणा में भी पार्टी ने अतिरिक्त उम्मीदवार खड़े करने के लोभ को त्याग दिया जहां दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस से मैदान में हैं. सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व ने सतर्कता बरतते हुए वहां अतिरिक्त उम्मीदवार नहीं उतारा. कारण यह है कि उसे पता था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले चार निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में कर पहले ही जीत चुके हैं. निश्चित तौर पर कांग्रेस के दो विधायक भाजपा के संपर्क में थे, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने कोई जोखिम मोल लेने से बचने के लिए अतिरिक्त उम्मीदवार नहीं उतारा.

हिमाचल, मणिपुर में आसानी से जीत

हिमाचल प्रदेश और मणिपुर में भाजपा उम्मीदवार बिना किसी परेशानी के राज्यसभा की सीट हासिल करेंगे. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, मेघालय, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जहां भाजपा संख्या बल में कम है, वहां दूरी बना रखी है.

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