बीजेपी नेताओं के संपर्क में सचिन पायलट, गहलोत सरकार गिराने के फिराक में !
By शीलेष शर्मा | Published: July 14, 2020 08:11 PM2020-07-14T20:11:22+5:302020-07-14T20:11:22+5:30
कांग्रेस के फैसले के तुरंत बाद सचिन ने 72 घंटों की चुप्पी तोड़ते हुए ट्वीट किया "सत्य को परेशान किया जा सकता है , पराजित नहीं। " सचिन कल सुबह 10 बजे मीडिया के सामने तथ्यों का खुलासा करेंगे तब तक वे दिल्ली से सटे मानेसर के 5 तारा होटल में अपने समर्थक 16 कांग्रेसी विधायकों व अन्य विधयकों के साथ रणनीति बनाने में जुटे हैं।
नई दिल्लीः मंत्रिपरिषद से बहार होने के बाद सचिन पायलट ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन सूत्रों का दावा है कि अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए वे लगातार भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं
हालांकि कांग्रेस के फैसले के तुरंत बाद सचिन ने 72 घंटों की चुप्पी तोड़ते हुए ट्वीट किया "सत्य को परेशान किया जा सकता है , पराजित नहीं। " सचिन कल सुबह 10 बजे मीडिया के सामने तथ्यों का खुलासा करेंगे तब तक वे दिल्ली से सटे मानेसर के 5 तारा होटल में अपने समर्थक 16 कांग्रेसी विधायकों व अन्य विधयकों के साथ रणनीति बनाने में जुटे हैं।
इधर सचिन पायलट के समर्थक विधायक जिनको आज सुबह ही मंत्री पद से बर्खास्त किया गया, रमेश मीणा ने खुलासा किया कि पार्टी अनुशासन हीनता का जो आरोप लगा रही है वह सरासर गलत है क्योंकि हम ने पार्टी के अंदर अपनी बात रखी है, जो अनुशासन हीनता नहीं हो सकती।
रमेश मीणा का ये बयान इस ओर इशारा कर रहा है कि उनको पूरी आशंका है की कांग्रेस अनुशासन हीनता के आधार पर उनकी सदस्यता समाप्त करा सकती है। इधर सचिन पायलट पूरे घटनाक्रम पर नज़र रखते हुए भाजपा नेताओं के साथ संपर्क बनाये हुए हैं।
यह भी सम्भावना जताई जा रही है कि कल सुबह मीडिया से मुखातिब होने से पहले वे अमित शाह और पीएम मोदी से मुलाक़ात कर सकते हैं, हालाँकि इसकी कोई औपचारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। सचिन की पूरी कोशिश अभी भी इस बात पर लगी है की कुछ अन्य कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को तोड़ा जाए, जिसमें परदे के पीछे से भाजपा पूरा सहयोग कर रही है।
कांग्रेस इस चाल को पहचान चुकी है इसीलिए पार्टी को और नुकसान न पहुंचे , सचिन और उसके सहयोगियों को पदों से हटा कर कांग्रेस ने कड़ा सन्देश देने का काम किया।सचिन लगातार कांग्रेस के युवा नेताओं से भी बात कर रहे हैं लेकिन साथ-साथ वे भाजपा नेताओं से भी आगे की रणनीत को लेकर चर्चा में व्यस्त हैं। सचिन ने सार्वजनिक तौर पर भाजपा में शामिल न होने के संकेत दे कर यह साफ़ कर दिया है की वे क्षेत्रीय दल बना कर भाजपा के सहयोग से आगे की व्यूह रचना करेंगे ताकि जल्दी से जल्दी गहलोत सरकार को उखाड़ फेंके।