राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने एक बार फिर राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने के अशोक गहलोत सरकार के अनुरोध को ठुकरा दिया है। ये तीसरी बार है जब गवर्नर ने सरकार की विधानसभा सत्र बुलाने की अर्जी ठुकराई है। अशोक गहलोत सरकार ने 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग रखी थी। इससे पहले अशोक गहलोत एक बार फिर आज गवर्नर से जाकर मिले।
कांग्रेस में सचिन पायलट गुट के बगावत के बाद गहलोत चौथी बार राज्यपाल से मिले हैं। मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र के लिए 21 दिन का नोटिस देने की बात करते हुए सरकार की फाइल लौटाई है। गहलोत सरकार ने मंगलवार को तीसरी बार राज्यपाल के सामने विधानसभा सत्र बुलाने को कहा था।
बता दें कि राजस्थान सरकार की ओर जो संशोधित प्रस्ताव मंगलवार को राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजा गया था उसमें सूत्रों के अनुसार विधानसभा सत्र में विश्वास मत हासिल करने को लेकर कोई उल्लेख नहीं था। इससे पहले भी राज्यपाल ने गहलोत सरकार के पहले प्रस्ताव को तीन बिंदुओं पर वापस कर दिया था। इसमें विधानसभा के सत्र के लिए 21 दिन पहले नोटिस जारी करना और सत्र के लिए कोरोना वायरस प्लान बताना शामिल था।
बहरहाल, आज राज्यपाल से मिलने के लिए जाने से पहले कांग्रेस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि वे कार्यक्रम के बाद राजभवन जाएंगे, क्योंकि विधानसभा सत्र बुलाने की फाइल राजभवन से आई है। गहलोत के अनुसार 'वे राज्यपाल महोदय से जानना चाहेंगे कि वे चाहते क्या हैं...21 दिन या 31 दिन, कुछ भी हो हमारी जीत होगी।'
इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य में कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इस बार स्वतंत्रता दिवस पर होने वाला 'एट होम' कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया। साथ ही राज्यपाल ने राज्य में कोरोना वायरस की भयावह स्थिति पर गहरी चिंता प्रकट की है। पारंपरिक 'एट होम' कार्यक्रम हर साल स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त की शाम को राजभवन में होता है।