कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत व राजस्थान पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के द्वारा आगामी चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद चली आ रही कई अटकलों पर विराम लग गया है। साथ ही कांग्रेस की अटकी चुनाव की प्रत्याशी सूची के जारी होने का मार्ग खुल गया है। लेकिन, मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जंग तेज होने का अंदेशा है।
हांलाकि, पायलट ने चुनाव लड़ने की घोषणा तो कर दी पर साथ ही यह भी कहा है, ‘मैं पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और अशोक गहलोत के निवेदन को स्वीकार कर चुनाव लड़ रहा हूं।’ इस तरह की पायलट की टिप्पणी इस ओर इशारा करती है कि चुनाव नहीं लड़ रहे थे बल्कि उनसे चुनाव लड़वाया जा रहा है।
पिछले कई दिनों से गहलोत इस जिद पर अड़े थे कि वे जोधपुर की सरदारपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं पायलट ना तो स्वयं और ना ही गहलोत को चुनाव लड़ता देखना चाहते थे। पायलट की मंशा सिर्फ चुनाव प्रचार तक ही सीमित थी, लेकिन गहलोत के आगे उनकी एक ना चली।
सियासी समीकरणों की ओर देखें तो गहलोत अपनी सीट पर आसानी से चुनाव प्रचार कर सकते हैं। इसके विपरीत पायलट के पास कोई तय सीट ही नहीं है और ना ही उन्होने पहले विधानसभा चुनाव लड़ा। अजमेर से 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद उनका पूरे ध्यान कांग्रेस संगठन पर था। ऐसे में पायलट रिस्क नहीं लेना चाहते थे।
इधर, कांग्रेस में विधानसभा चुनाव के लिए सूची जारी होने का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के दिल्ली से बाहर होने के कारण कांग्रेस लिस्ट जारी नहीं कर पाई। संभावना है कि जल्द ही सूची आ जाएगी, जिसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी सहित तमाम नेताओं के नाम शामिल हो सकते हैं।