सचिन पायलट को राहत, अयोग्यता नोटिस पर राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
By विनीत कुमार | Published: July 23, 2020 12:49 PM2020-07-23T12:49:43+5:302020-07-23T13:00:00+5:30
राजस्थान में कांग्रेस के बीच जारी सियासी घमासान और राजस्थान हाई कोर्ट में अयोग्यता नोटिस को चुनौती दिए जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राजस्थान हाई कोर्ट इस संबंघ में अपना फैसला सुना सकती है।
राजस्थानकांग्रेस में जारी घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि राजस्थान हाई कोर्ट बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस देने के खिलाफ आई याचिका पर आदेश दे सकता है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान विधान सभा स्पीकर सीपी जोश के हाई कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने के अनुरोध को भी मानने से इनकार कर दिया।
जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने कहा कि बागी कांग्रेस विधायकों की याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट अपना आदेश दे सकता है। इस पूरे मामले में अहम सुनवाई अब कल राजस्थान हाई कोर्ट में होनी है। माना जा रहा है कि कल हाई कोर्ट पूरे विवाद पर फैसला सुना सकता है। बता दें कि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही को 24 जुलाई तक टाले जाने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
Supreme Court says, Rajasthan High Court can pass orders on Congress MLAs plea against disqualification notice from Rajasthan Speaker. pic.twitter.com/SiU8F31aqI
— ANI (@ANI) July 23, 2020
कपिल सिब्बल ने रखी राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दलील
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सी. पी. जोशी ने कहा कि हाई कोर्ट को कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक रोकने का कोई अधिकार नहीं है। इन बागी विधायकों में उप मुख्यमंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट भी शामिल हैं।
इस विवाद पर जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में एक पीठ ने जोशी की उस याचिका पर सुनवाई शुरू की, जिसमें शीर्ष अदालत के 1992 के किहोटो होलोहन मामले में दिए फैसले का जिक्र किया गया है। उस फैसले के अनुसार अदालत संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अध्यक्ष द्वारा की गई अयोग्यता की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
जोशी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत तभी हस्तक्षेप कर सकती है जब अध्यक्ष सदन के किसी सदस्य को निलंबित या अयोग्य ठहराने का फैसला ले। पीठ के उस सावाल के जवाब में सिब्बल ने यह बात कही, जिसमें उसने पूछा था कि अध्यक्ष के विधायकों को निलंबन या आयोग्य ठहराने के फैसले में अदालत हस्तक्षेप कर सकती है या नहीं।
(भाषा इनपुट)